बार-बार संविदा बढ़ाना कर्मचारियों का शोषण: हाईकोर्ट

भोपाल। बार-बार संविदा बढ़ाना संविदा कर्मचारियों शोषण है। संविधान के अनुच्छेद 14, 16 में दिए अधिकारों के तहत समान पद समान व्यवहार भी इन कर्मचारियों का अधिकार है। संविदा कर्मचारियों को सेवा से हटाना श्रम कानून के लिहाज से भी सही नहीं है। यह बात हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने सरकारी हॉस्टल की एक महिला सहायक वार्डन की याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश देते हुए कही। 

कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास राजगढ़ में संविदा पर कार्यरत महिला सहायक वार्डन को विभाग ने पिछले साल अगस्त में हटा दिया था। वजह यह थी कि 60 फीसदी छात्राओं का रिजल्ट ए श्रेणी का नहीं आया। 

चुनौती देते हुए महिला कर्मचारी ने वकील राहुल लाड के जरिए दायर याचिका में कहा था कि सहायक वार्डन के पास कोई अधिकार नहीं हैं। सभी अधिकार वार्डन, बीआरसी, एपीसी और डीपीसी के पास हैं।

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