36 के हुए धोनी: पूरी दुनिया में टीम इंडिया का डंका बजाया

धोनी आज 36 के हो गए. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ये उनका तेरहवां साल है. इन तेरह सालों में उन्होंने देश को गौरव के कई लम्हें दिए. छोटी मोटी एकाध ट्रॉफी छोड़ दी जाए तो उन्होंने पूरी दुनिया में टीम इंडिया का डंका बजाया. विश्व कप हो, टी-20 हो, चैंपियंस ट्रॉफी हो या फिर टेस्ट क्रिकेट. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने कामयाबी के नए कीर्तिमान गढ़े हैं. ये बड़ा दिलचस्प है कि इस बार धोनी का जन्मदिन ऐसे मौके पर पड़ा है जब हाल ही में उन्हें कईयों ने कटघरे में खड़ा किया था. कटघरे में खड़े करने की वजह वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले मैच में उनकी धीमी बल्लेबाजी थी. आपको याद ही होगा कि वेस्टइंडीज की बेहद औसत टीम से टीम इंडिया ने पिछला मैच 11 रन से गंवा दिया था. वो भी जबकि लक्ष्य 200 रन का भी नहीं था. दरअसल लगातार गिरते विकेटों के बीच एक छोर को थामे रहने के इरादे से धोनी धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे. 

उनका इरादा था कि आखिरी के ओवरों में रनगति में तेजी लाकर टीम इंडिया को जीत दिलाएंगे. ऐसा हो नहीं पाया क्योंकि धोनी 49वें ओवर की आखिरी गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में आउट हो गए. अपनी उस पारी के दौरान धोनी ने धीमी बल्लेबाजी के कई ऐसे रिकॉर्ड बना डाले जिसे शायद ही वो याद रखना चाहेंगे. ये अलग बात है कि अपने जन्मदिन की रात उनकी टीम ने वेस्टइंडीज पर शाही जीत दर्ज की और सीरीज पर 3-1 से कब्जा कर लिया.   

वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वनडे सीरीज अब खत्म हो चुकी है. एक टी-20 मैच खेला जाना है. दुनिया का हर इंसान अपने जन्मदिन पर कुछ नई बातें जरूर सोचता है. कुछ नई कसमें, कुछ नए वायदें, कुछ नई चुनौतियां और कुछ नए प्लान. कसमें वायदों से भले ही धोनी ऊपर उठ चुके हों लेकिन प्लान तो उन्हें बनाना ही होगा. ‘प्लान’ इस बात का कि मैदान में उनका अगला ‘स्टेप’ क्या रहने वाला है. 2019 में अगला विश्व कप खेला जाना है. क्या धोनी खुद को अगले विश्व कप के लिए तैयार कर रहे हैं. धोनी जिस तरह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था या जिस तरह वनडे क्रिकेट की कप्तानी छोडी थी उसको देखकर ये बात कही जा सकती है कि उन्हें मैदान में बेवजह बने रहने का शौक नहीं है. धोनी अगर खुद को इतना फिट पाएंगे कि वो दो साल और खेले तब ही वो उस रास्ते पर कदम बढ़ाएंगे. 

आम तौर पर ‘क्रिकेटिंग लॉजिक’ कहता है कि कोई भी खिलाड़ी इतनी दूर की नहीं सोचता. खिलाड़ी सिर्फ अपनी फॉर्म, फिटनेस और ‘प्रॉसेस’ पर ध्यान देता है. यानि अपने लिए छोटे छोटे लक्ष्य बनाते हैं और उन लक्ष्यों को पूरा करते हैं. फिलहाल महेंद्र सिंह धोनी का अगल लक्ष्य है श्रीलंका का दौरा. भारतीय टीम को वहां वनडे सीरीज भी खेलनी है. इस सीरीज पर बहुत कुछ निर्भर करता है. अगर धोनी श्रीलंका में बल्लेबाजी करने में सहज रहते हैं. टीम के लिए ‘कॉन्ट्रीब्यूट’ करते हैं तो निश्चित तौर पर उन्हें ‘उस’ सपने को देखने का हक हैं जिसका जिक्र हम कर रहे हैं. 

वनडे करियर की पिछली 10 पारियों का जिक्र किया जाए तो धोनी ने टीम के लिए अच्छा योगदान दिया है. पिछले 10 के 10 मैच धोनी ने विदेशी जमीन पर खेले हैं. इसमें से चार मैचों में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला है. 3 मैचों में उन्होंने अर्धशतक लगाया है. जो तीन मैच रह गए उसमें से सिर्फ एक मैच ऐसा था जिसमें धोनी सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए वरना बाकि के दो मैचों में उन्होंने नॉट आउट 9 और 13 रन बनाए हैं. इसमें से एक मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था जबकि दूसरे मैच में टीम इंडिया जीत गई थी. कुल मिलाकर इन 10 मैचों में उन्होंने 221 रन बनाए हैं. उनकी औसत करीब 74 रनों की है. जो उनके करियर औसत से कहीं ज्यादा है.  

धोनी आज 36 साल के हुए हैं. पिछले कुछ समय में उन्होंने जिम में जबरदस्त ट्रेनिंग की है.  उनमें किसी तरह की थकान के होने का सवाल इसलिए भी नहीं है क्योंकि करीब तीन साल पहले ही वो टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं. जाहिर है अब उनके सामने फोकस करने के लिए खेल का छोटा ‘फ़ॉर्मेट’ ही है. जिसके लिए वो जबरदस्त फिट दिख रहे हैं.
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