जब महाराष्ट्र में किसानों का कर्ज माफ हो सकता है तो मप्र में क्यों नहीं: कुणाल चौधरी

भोपाल। प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने सवाल किया है कि जब 4 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी महाराष्ट्र सरकार किसानों के हित में कर्जमाफी का कदम उठा सकती है तो मप्र की शिवराज सरकार क्यों नहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में उपवास करने के बजाए अपने मंत्रियों के साथ दिल्ली में अपनी सरकार से बातचीत करते तो कहीं ज्यादा अच्छा होता। 

मध्यप्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन के हिंसक होने के बाद भी किसानों की प्रमुख मांग को लेकर सरकार ने कोई रास्ता नही निकाला है लेकिन इस आंदोलन के साथ महाराष्ट्र के किसान जो 1 जून से 10 जून के आंदोलन पर थे उनकी जीत होती दिख रही है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के कर्ज को माफ करने का ऐलान कर दिया है। यह घोषणा होते ही मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया उपवास से उठते ही नई मुसीबत में घिर गए है। प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को डरपोक सीएम बताते हुए कहा कि आखिर क्योंप्रदेश के मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार से चर्चा नही करते है। 15 साल के जिन किसानों के भाजपा को सत्ता पर आसीन किया है आज वो ही उनके सीनें में गोलियां मार कर हत्या कर रही है। आडबंर रचने में महान शिवराज जी जिन मंत्रियों को भोपाल बुलाकर नाटक कर रहे थे उन्हे दिल्ली में एकजुट कर सरकार से मांग करते तो किसानों का कर्ज माफ हो सकता था लेकिन प्रदेश सरकार का उद्देश्य तो किसानों की लाशों पर बोली लगाना है।

किसान आत्महत्या के मामलें में हमारा प्रदेश अव्वल है, कृषि मंत्री कह रहे है कि कर्ज माफी की जरुरत ही क्या है। भाजपा के एक विधायक जो उज्जैन में आरएसएस के प्राडेक्ट भारतीय किसान संघ की मीटिंग करवाकर किसानों को गुमराह कर रहे थे वो कहते है कि लातों के भुत बातों से नही मानते। इन भाजपाईयों की ऐसी गंदी सोच उस अन्नदाता के लिए है जो अगर अनाज नही उगाए तो देश में विकराल स्थिति पैदा हो जाएं उसे इस प्रकार के शब्दों से अपमानित करने वाली भाजपा ने आज फिर मध्यप्रदेश के किसानों के साथ कुठाराघात किया है।

जब महाराष्ट्र की सरकार कर्ज माफ कर सकती है तो मध्यप्रदेश की सरकार क्यों कर्ज माफ नही कर सकती। केन्द्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो मनमोहन सिंह जी 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था लेकिन आज मोदी सरकार जो जुमलों की बदौलत सत्ता पर आसीन हुई है वो किसानों के कर्जमाफ करने को लेकर क्यों कोई कदम नही बढ़ा रही है। तो दूसरी और शिवराज जी शांति बहाली के लिए यह कहकर उपवास करते कि मैं तब तक उपवास पर रहुंगा जब तक मध्यप्रदेश के किसानों के कर्जमाफी हेतु केन्द्र सरकार मदद नही करती तो बेहतर होता और किसानों को फायदें के साथ शांति की बहली भी हो जाती।

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