RSS का किसान संघ आंदोलन से हटा, किसान सेना अब भी मैदान में

भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहा किसान आंदोलन किसी एक पार्टी, संगठन या बैनर तले नहीं चल रहा। यही कारण है कि आंदोलन का स्वरूप, किसी दूसरे राजनैतिक प्रदर्शन जैसा नहीं है। आज आरएसएस के किसान संगठन, भारतीय किसान संघ ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया है। किसान संघ के अध्यक्ष शिवकांत दीक्षित ने यह ऐलान किया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि भारतीय किसान संघ आंदोलन में शामिल कब हुआ था। 

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उज्जैन में संघ के पदाधिकारियों और मुख्यमंत्री की मुलाकात के बाद शिवकांत दीक्षित ने आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा कर दी। दीक्षित के अनुसार चूंकि सरकार ने उनकी सारी बातें मान ली हैं, इसलिए आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। बताते चलें कि सड़कों दूध बहाने, उग्र प्रदर्शन और आगजनी जैसी घटनाएं किसान सेना के बैनर तले की गईं हैं। किसान सेना ने अब तक आंदोलन स्थगित करने का ऐलान नहीं किया है। 

मुख्यमंत्री चौहान ने भारतीय किसान संघ से चर्चा के तुरंत बाद घोषणा की कि किसान कृषि उपज मंडी में जो उत्पाद बेचते हैं, उसका पचास प्रतिशत भुगतान नगद में और शेष पचास प्रतिशत सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाया जाएगा। गर्मी के मौसम में मूंग की फसल को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। किसानों का प्याज 8 रुपए प्रति किलो भाव पर सरकार खरीदेगी। यह खरीदी तीन-चार दिन में प्रारंभ हो जाएगी तथा जून माह के अंत तक चलेगी।

चौहान ने कहा कि सब्जी मंडियों में किसानों को ज्यादा आड़त देनी पड़ती है। इसे रोकने के लिए सब्जी मंडियों को मंडी अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। फसल बीमा योजना को ऐच्छिक बनाया जाएगा। नगर एवं ग्राम निवेश एक्ट में जो भी किसान विरोधी प्रावधान होंगे, उन्हें हटाया जाएगा। किसानों पर इस आंदोलन के दौरान जो प्रकरण बने हैं, उन्हें समाप्त किया जाएगा।

सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है तथा सदैव किसानों के कल्याण के लिए कार्य करती है। इसके पहले राज्य के खासतौर से पश्चिमी हिस्से में चार दिनों से किसानों के आंदोलन के कारण तनाव की स्थिति रही और दूध तथा सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित रही। इंदौर, धार, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगरमालवा और अन्य स्थानों पर आंदोलन के दौरान चार दिनों में किसानों और सब्जी व्यापारियों तथा दूध विक्रेताओं के बीच झड़पें भी हुईं। कई लीटर दूध सड़कों पर बहाने और सब्जियां सड़कों की फेंकने के समाचार भी इन हिस्सों से यहां पहुंचे।
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