
जेयू ने अंचल के 6 सरकारी कॉलेजों में सत्र 2017-18 में प्रवेश पर रोक लगा दी है। जेयू का कहना है कि इन कॉलेजों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2014 के बाद मान्यता की अप्रूवल लेटर का पत्र नहीं दिया है। इसलिए जब तक अप्रूवल नहीं आ जाएगा तब तक प्रवेश नहीं दिया जा सकता।
एमएलबी सहित अन्य सरकारी कॉलेजों ने जेयू के इस निर्णय से उच्च शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया लेकिन शासन ने कॉलेजों में प्रवेश के लिए पोर्टल पर लिंक बंद नहीं की। इससे छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया। बुधवार को शासन ने छात्रों को सीट अलॉट कर दीं। एमएलबी में एलएलबी ऑनर्स(पांच वर्षीय) में पहले वर्ष में 80 सीटें हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने पहले चरण में 58 सीटें अलॉट की हैं।
क्या कहते हैं एमएलबी के जिम्मेदार
हम विवि को बीसीआई के नियम बता चुके हैं जिन कॉलेजों की निरीक्षण की फीस जमा है अथवा निरीक्षण हो चुका है लेकिन अप्रूवल लेटर नहीं मिला तो उसकी संबंद्धता नहीं छीनी जा सकती। हमारे कॉलेज का निरीक्षण हो चुका है। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराए हैं और सीट भी एलॉट की है। फिर भी जेयू मनमानी पर अड़ा है।
प्रो. वीके श्रोत्रिय, विभागाध्यक्ष लॉ संस्थान
शासन को अवगत कराया
रजिस्ट्रेशन से पहले हमने शासन को जेयू के निर्णय से अवगत करा दिया था। यदि गलती होती तो शासन रजिस्ट्रेशन कराता और न सीट अलॉट करता। हमने फिर शासन को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है। हम छात्रों की फीस जमा कर रहे हैं और प्रवेश दे रहे हैं।
प्रो. एचएस श्रीवास्तव, प्राचार्य, एमएलबी कॉलेज