
सांईखेड़ा पुलिस ने स्थानीय निवासी सुरेंद्र राजपूत को 21 जून को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार जेल भेज दिया था। जेल में सुरेंद्र की 23 जून को तबियत बिगड़ी और उसे रात करीब 9.45 बजे जिला अस्पताल उपचार के लिए भेजा गया था। देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
युवक के परिजन सुबह थाने पहुंचे और आरोप लगाया कि सुरेंद्र की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। लोगों ने थाने का घेराव कर दिया। इस दौरान पुलिस और नागरिकों के बीच पथराव के साथ झड़प भी हो गई। पथराव और तोड़फोड़ में सांईखेड़ा थाना प्रभारी धुर्वे, आरक्षक पाठक घायल हो गए। मृतक के भाई संतोष का आरोप है कि 21 जून को दोपहर में पुलिस उसके भाई को झूठे मामले में पकड़कर ले गई थी और परिजनों को खबर तक नहीं दी। जब उसकी मौत हो गई तब पुलिस ने उन्हें सूचना दी।