नई दिल्ली। तीन तलाक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार को भी जारी रही। इस दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि तीन तलाक की प्रथा 1400 सालों से चली आ रही है, ऐसे में यह असंवैधानिक कैसे हो सकती है। अगर अयोध्या में राम का जन्म आस्था का विषय है तो तीन तलाक क्यों नहीं?
इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक प्रथा को पूरी तरह खत्म कर देती है तो सरकार इसके लिए कानून बनाएगी। इसके साथ ही कहा कि तीन तलाक प्रथा देश व इस्लाम में मुस्लिम महिलाओं के समानता के अधिकार के खिलाफ है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगे बहुविवाह और निकाह हलाला की भी समीक्षा होगी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तीन तलाक मामले में पांच जजों की संवैधानिक पीठ के सामने अपना पक्ष रखा। रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से निकाह, हलाला और बहुविवाह पर भी सुनवाई का आग्रह किया। कोर्ट ने कहा कि हमारे पास सीमित समय है। हालांकि, अागे इसकी समीक्षा होगी।