
327 किलोमीटर का रेल रूट, 21 स्टेशन और 59 ब्रिज रिकमंड
2014-15 मेें हुए सर्वे में कहा गया कि चारों धामों को जोड़ने के लिए 327 किलोमीटर के रेल रूट की जरूरत पड़ेगी और इसमें 43,292 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। सर्वे में 21 नए स्टेशन, 61 टनल्स और 59 ब्रिज की रिकमंडेशन की गई थी।
इन जगहों पर होंगे अहम स्टेशन
सर्वे के मुताबिक, रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती हिमालय की पहाड़ियों में रेल लाइन बिछाने की है। चारों धामों के सबसे करीब पड़ने वाले रेलवे स्टेशन भी प्रपोज किए गए हैं। ये डोईवाला, ऋषिकेश और कर्णप्रयाग में बनाए जाने का प्रपोजल है। सिंगल ब्रॉडगेज लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे का फाउंडेशन स्टोन बद्रीनाथ में 13 मई को रेलवे मिनिस्टर सुरेश प्रभु रखेंगे।
कितनी ऊंचाई पर हैं चार धाम
यमुना का उद्गम माना जाने वाला यमुनोत्री समुद्र तल से 3,293 मीटर, गंगोत्री 3,408, केदारनाथ 3,583 और बद्रीनाथ समुद्र तल से 3,133 मीटर की ऊंचाई पर है। एक सीनियर रेलवे अफसर के मुताबिक, "अभी तक यहां जाने के लिए यात्री दुर्गम रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। यहां तक रेल रूट का इंतजाम होने से यात्रियों की जर्नी सेफ और कम्फर्टेबल होगी। ऋषिकेश और कर्ण प्रयाग के बीच नई रेल लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। इन रेल प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर राज्य में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इकोनॉमिक डेवलेपमेंट होगा।