मंदिर के लिए मुसलमानों ने करोड़ों की जमीन दान कर दी | HARMONY

नई दिल्ली। यदि इन लोगों को सौंप दिया जाए तो ये वर्षों से उलझे अयोध्या विवाद का हल भी चुटकियों में निकाल देंगे। क्योंकि ये वो लोग हैं जो अपने अहंकार के लिए नहीं बल्कि जरूरत के हिसाब से फैसला करते हैं। मुसलमानों ने अपनी करोड़ों की जमीन मंदिर को दान कर दी क्योंकि इस जमीन की जरूरत मंदिर समिति को ज्यादा थी। इससे पहले इस मामले को साम्प्रदायिक तूल देने की कोशिश की थी परंतु मुलसमानों ने सारे षडयंत्र ही बिफल कर दिए। इनका कहना है कि एक दूसरे की बात को ध्यान से सुनकर सही फैसला किया जाए तो अयोध्या मसले का हल भी निकल आएगा। 

बिहार के कुचायकोट के बथनाकुट्टी के रामजानकी मंदिर के पास मुस्लिम समुदाय के लोगों की जमीन है। मुस्लिम समुदाय की जमीन होने की वजह से यहां मंदिर निर्माण को लेकर आये दिन विवाद देखने को मिलता था लेकिन अब मुस्लिम समुदाय के लोग स्थानीय विधायक पप्पू पाण्डेय की पहल पर न सिर्फ मंदिर के निर्माण में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि अपनी कीमती जमीन मंदिर के निर्माण के लिए दान कर दिया।

क्या कहा लोगों ने
जमीन देने वाले मन्नू शाह उर्फ़ मन्नू दीवान के मुताबिक उनकी जमीन बथनाकुट्टी में रामजानकी मंदिर के सामने थी। कोई विवाद न हो इसलिए उन्होंने अपनी जमीन मंदिर समिति को दान देने का फैसला किया। मन्नू शाह ने कहा चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम आपसी तालमेल हो तो दुनिया में कोई विवाद हो ही नहीं सकता। मंदिर के निर्माण के लिये मुस्लिम परिवार ने हाईवे के किनारे की 2 कठ्ठा 9 धूर जमीन दान किया। इस जमीन की कीमत करोड़ों में है।

मन्नू शाह के पाटीदार नुरैन शाह ने कहा, मंदिर यूपी बिहार की बॉर्डर पर स्थित है। दिन या रात कभी भी कोई शरण लेने के लिए यहां आएगा। ऐसे में उन्होंने मंदिर को जमीन दान देने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि यहां मंदिर निर्माण के बाद वे दिन रात यहां खड़े होकर राहगीरों को रास्ता दिखाने का काम करेंगे।

रामजानकी मंदिर समिति के आयोजक अर्धेन्दु बाबू के मुताबिक यहां मुस्लिम परिवार के द्वारा जमीन दान देने के फैसले हर समुदाय के लोग खुश है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई की इसी तरह अयोध्या के मसले को भी सभी समुदाय और संगठनों को सामने आना चाहिए और मंदिर मस्जिद के मुद्दे को तुरंत सुलझाना चाहिए।
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