
सांसद ज्योति धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति विभाग ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि इसमें पिता की जगह पति का नाम लिखा है। इसके अलावा विभाग का कहना था कि इसमें कई अन्य खामियां बताकर इसे निरस्त कर दिया था। इस पर ज्योति धुर्वे ने आपत्ति जताते हुए इसे विभाग का एकतरफा निर्णय बताया था और इसकी शिकायत संगठन नेताओं समेत सीएम से की थी।
सीएम शिवराज सिंह ने इस मामले में आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने अशोक शाह को तलब किया और जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने यह भी दोहराया कि उनकी जानकारी के बिना यह कार्रवाई क्यों की गई। शिवराज सिंह काफी गुस्से में थे। बाद में उन्होंने अशोक शाह को निर्देशित किया कि वो अपना आदेश वापस लें। मजबूरन विभाग ने आनन-फानन में ज्याति धुर्वे की अपील का मामले में रिव्यू करते हुए पुराना आदेश निरस्त कर दिया और जाति प्रमाण पत्र से जुड़े अपने फैसले को स्थगित कर दिया। इसके बाद अशोक शाह छुट्टी पर चले गए।