
सीबीआई का दावा है कि कार्ती चिदंबरम अपने पिता के वित्त मंत्री होने के लाभ ले रहे थे और इसका गलत फायदा उठाकर निवेश में करते थे। सीबीआई ने यह भी दावा किया है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि कार्ती की कंपनी ने 3.5 करोड़ रुपए विदेश में निवेश किए थे और इस डील को वित्त मंत्रालय की ओर से हरी झंडी दी गई थी। कार्ती की कंपनी को कुल 4.62 करोड़ रुपए का निवेश करने की इजाजत दी गई थी लेकिन उनकी कंपनी ने कुल 305 करोड़ रुपए इसके जरिए लाभ में कमाए थे।
कार्ती की कंपनी आईएनएक्स मीडिया तत्कालीन समय में पीटर मुखर्जी चला रहे थे और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी भी इसका हिस्सा थी। मुखर्जी दंपति मौजूदा समय में अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में हैं। आईएनएक्स मीडिया ने 26 फीसदी निवेश आईएनएक्स चैनल में किया था, हालांकि इस निवेश की इजाजत नहीं दी गई थी। लेकिन इन तमाम आरोपों को चिंदंबरम ने खारिज करते हुए कहा कि उन्हें खिलाफ राजनीतिक साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि ना तो मेरे मंत्रालय और ना ही मैंने विदेश की कंपनी में निवेश करने के लिए किसी भी तरह का फायदा इन कंपनियों को पहुंचाया है।
कार्ती चिदंबरम ने कहा कि आपको पहले बता देना चाहता हूं कि यह छापेमारी सीबीआई ने नहीं बल्कि ईडी ने की है, सभी लोगों को पता है कि मेरे पिता मौजूदा सरकार के खिलाफ कितना लिखते और बोलते हैं। मैंने आईएनएक्स के साथ किसी भी तरह का बिजनेस नहीं किया है, ना ही मैंने कभी वित्त मंत्रालय का किसी भी तरह का फायदा उठाया है, यह सारे आरोप बकवास हैं।