महाराजा AIR INDIA के दुर्दिन और जेटली राग

राकेश दुबे@प्रतिदिन। वित्त मंत्री अरुण जेटली कैसे तो भी एयर इण्डिया से पीछा छुड़ाना चाहते है। 1999 में विनिवेश मंत्री के रूप में शुरू उनके इस राग के स्वर 2017 में भी अनहि बदले हैं। हाल ही में उनने दूरदर्शन पर दिए गए एक इंटरव्यू में साफ कहा है कि एयर इंडिया को एक सरकारी कंपनी की तरह चलाते रहना राष्ट्रीय संसाधनों की बर्बादी है। अच्छा यही होगा कि सरकार कोई जिम्मेदार निवेशक खोजकर इससे अपना पीछा छुड़ा ले। 1999  में बतौर विनिवेश मंत्री उन्होंने अपनी सरकार को यही सलाह दी थी कि एयर इंडिया का विनिवेश करना है तो अभी कर लिया जाए, क्योंकि कुछ समय बाद वहां इसके लिए कुछ बचेगा ही नहीं। अभी बीच-पचीस साल पहले तक भारत के समूचे उड्डयन क्षेत्र पर राज करने वाली इस कंपनी को हमने तिल-तिल करके नष्ट होते देखा है। यूपीए की सरकार में उड्डयन मंत्री की फैमिली पिकनिक के लिए बाकायदा एयर इंडिया का एक जहाज ले जाए जाने की खबर आई तो अभी एनडीए सरकार के एक घटक दल के नेता द्वारा इसके एक अधिकारी की जूतों से पिटाई करने की।

एक ऐसे देश में, जहां राजनेता सरकारी संपत्ति को अपनी निजी संपत्ति मानते हों, चापलूसी करने वालों को जहां ऊंचे ओहदे सौंपे जाते हों और पेशेवर रवैया अपनाने वाले अधिकारियों को खुलेआम बेइज्जत किया जाता हो, वहां टॉप क्लास प्रफेशनलिजम की मांग करने वाले इस सेक्टर में करदाताओं का पैसा झोंककर एक सरकारी कंपनी चलाते रहना खुद में एक नॉन-प्रफेशनल बात ही कही जाएगी। अभी एयर इंडिया के पास घरेलू उड्डयन क्षेत्र का 14.6 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय दायरे का 17 प्रतिशत कारोबार है। प्राइवेट एयरलाइंस कंपनियां जब तक शुरुआती दौर में थीं, तब तक एयर इंडिया की भूमिका उनके लिए हर पहलू से कुछ मानक तय करने की हुआ करती थी। लेकिन देश का लगभग 86 प्रतिशत उड्डयन कारोबार अभी निजी कंपनियां ही चला रही हैं, और हर दृष्टि से वे एयर इंडिया की तुलना में कहीं ज्यादा प्रफेशनल हैं। एयर इण्डिया पर लदा 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज भी अभी सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है।

यह भी सही है कि जब तक एयर इंडिया को धंधे के लिहाज से पटरी पर नहीं लाया जाता, तब तक निवेशक भी इसमें दिलचस्पी क्यों दिखाएंगे? भारत की पहचान समझी जाने वाली इस कंपनी को कबाड़ की तरह तो नहीं ही बेचा जाना चाहिए। इसलिए जरूरी है व्यवसायिक और जिम्मेदारी पूर्ण समझदारी।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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