भाजपा 3 साल के जश्न में मस्त लेकिन संघ नाराज

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 3 साल पूरे कर लिए हैं। देश भर मेंं जश्न मनाया जा रहा है। जगह जगह मोदी फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है लेकिन संघ और उसके अनुषांगिक संगठन इससे खुश नहीं हैं। वो मोदी के 3 साल के कार्यकाल को उपलब्धि भरा नहीं मानते। उन्हे लगता है कि इन 3 सालों में मोदी सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिसकी आशा की जा रही थी। अभी भी संघ के स्वयंसेवकों का वह सपना अधूरा है जिसे पूरा करने के लिए भाजपा का गठन किया गया और भाजपा को सत्ता में लाने के लिए बिना व्यक्तिगत लालच के दिनरात काम किया। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मानता है कि
संघ का मानना है कि मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में उसके अपने एजेडें पीछे छूट गए है। फिर चाहे वो धारा 370 हो या समान नागरिक सहिता, इन पर सरकार ने अब तक कोई काम नहीं किया है। 

भारतीय मजदूर संघ मानता है कि
भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि मोदी सरकार ने तीन साल में मजदूरों के हितों की अनदेखी की है। एफडीआई और विदेशी कंपनियों को भारत आने का मौका देकर भारतीय मजदूरों का शोषण करने का काम मोदी सरकार ने किया है। ख़ासकर इन तीन सालों में बढ़ती बेरोज़गारी से मज़दूर संघ बेहद नाराज़ है और तो और नीति आयोग की योजनाओं के ख़िलाफ़ संगठन ने आंदोलन छेड़ने का भी ऐलान कर डाला है। हाल ही में हुई संगठन की बैठक में खुलकर मोदी सरकार की नीतियों को कोसा गया है।

भारतीय किसान संघ मानता है कि
भारतीय किसान संघ का मानना है कि मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण की कोशिश कर किसानों से धोखा करने का काम किया है। किसानों की आत्महत्या में कोई ख़ास कमी नहीं आई है और एफ़डीआई के पक्ष में काम कर रही सरकार को अपनी सोच में बदलाव लाने की ज़रूरत है। 

विश्व हिदू परिषद का कहना है कि 
वीएचपी का मानना है कि राम मंदिर क मुद्दे पर केन्द्र सरकार ने चुप्पी साध ली है। गंगा सफाई पर भी मोदी सरकार फेल हो चुकी है।

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