घर में यदि ईशान गंदा तो आपका जीवन नरक बन जाएगा | VASTU

आदमी का जीवन दिशा तत्व तथा उनके स्वामी पर निर्भर करता है। मुख्य दिशाएं उत्तर ,दक्षिण,पूर्व,पश्चिम चार है उसके अलावा चार और दिशाएं ईशान, आग्नेय, वायव्य, नेरत्य है। घर में इन सभी दिशाओं का प्रभाव होता है। व्यक्ति के सौभाग्य और दुर्भाग्य का एक कारण ये दिशाएं भी होतीं हैं। ईशान एक पवित्र दिशा होती है। यदि इस दिशा में कुछ ऐसा सामान है जो उसकी कल्याणकारी शक्ति को नुक्सान पहुंचाता है तो उस घर में रहने वाले लोगों को भी नुक्सान होता है। 

ईशान पवित्र दिशा
गुरु ग्रह को उत्तर दिशा का स्वामी तथा बुध को पूर्व का स्वामी माना जाता है। इनके  बीच के कोण को ईशान कहते हैं। ईशान के स्वामी भगवान शिव होते है। जहां शिव वहा जल, पवित्रता और शांति रहती है। ईशान कोण मे साक्षात शिव का वास रहता है। ईशान कोण मे गुरु ग्रह जो धन कृपा, वंश वृध्दि और सम्मान के कारक बुध ग्रह बुद्धि, व्यापार, विवेक के स्वामी का संयुक्त प्रभाव रहता है। यह दिशा भजन पूजन पवित्रता चाहती है। यदि यह दिशा पवित्र है तब तो वंश वृद्धि, धन वृद्धि, ज्ञान सम्मान सब वृद्धि होगी। यदि यह दिशा अशुभ यानी अपवित्र है या ईश दिशा मे भारी सामान रखा है तो कर्ज अपमान और अज्ञान जीवन मे आयेगा। यदि लेट्रिन है तो उस घर मे धनहानि संतान हानि आपदा होती रहेगी।

क्या करें
सबसे पहले किसी वास्तुविद या जानकार को बुलाकर अपने घर की सभी दिशाओं की जानकारी लें यदि ईशान मे अँधेरा है तो प्रकाश की व्यवस्था करें। भारी सामान को हटाये। लेट्रिन हो तो तत्काल उसे स्थानांतरित करे उस जगह की वास्तु शांति करवाये। यह कार्य किसी जानकर के निर्देशन मे करे साथ ही ईश दिशा को गंदा करने के लिये भगवान शिव से माफी माँगे प्रायश्चित करें निरंतर शिव अभिषेक इस दिशा मे करेंगे तो धीरे धीरे कृपा प्राप्त होना प्रारम्भ हो जायेगी।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु "
9893280184,7000460931
If you have any question, do a Google search
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!