सत्ता के भूखे मनोहर पर्रिकर, शर्म करो और जनता से माफी मांगो: DIGVIJAY SINGH

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव और गोवा के पार्टी प्रभारी दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर पर ट्विटर के जरिये निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने पर्रिकर और नितिन गडकरी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का इल्ज़ाम लगाने के साथ-साथ गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा पर भी संवैधानिक नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता ने मनोहर पर्रिकर और भाजपा को सत्ता का भूखा बताया है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में पर्रिकर से गोवा की जनता से माफ़ी मांगने को कहा है।

Shame on you Mr Parrikar and your hunger for Power. You have cheated the People of Goa. Apologise to them. - digvijaya singh (@digvijaya_28) April 1, 2017

दरअसल मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बनने के बाद शुक्रवार को पहली बार संसद पहुंचे थे, पर्रिकर ने संसद में अपने सहयोगियों का आभार प्रकट किया साथ ही दिग्विजय सिंह पर चुटकी लेते हुए कहा कि वो दिग्विजय सिंह का धन्यवाद करते हैं, उनकी बदौलत गोवा में भाजपा की सरकार बन पाई है।

Manohar Parrikar thanks me for letting him form Govt in Goa. - digvijaya singh (@digvijaya_28) April 1, 2017

If he has to thank anyone it is Nitin Gadkari who did aggressive MLA Shopping on 12th March early morning from Hotel in Goa - digvijaya singh (@digvijaya_28) April 1, 2017

And Governor Goa who violated Constitution Sarkaria Commission guideline & Supreme Court decisions and robbed the mandate of People of Goa - digvijaya singh (@digvijaya_28) April 1, 2017

पर्रिकर ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को गोवा में कांग्रेस की सरकार बनाने का जिम्मा सौंपा था, लेकिन उन्होंने अपना सारा समय घूमने में बिता दिया और भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हुई।

कांग्रेस के विधायक विश्वजीत राणे ने भी गोवा में कांग्रेस की सरकार न बन पाने के लिए दिग्विजय सिंह को ज़िम्म्मेदार बताया था, बाद में राणे ने फ्लोर टेस्ट में हिस्सा नहीं लिया था और कांग्रेस व विधायक पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

ज्ञात हो कि गोवा में 4 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा को सिर्फ 13 ही सीटें मिल पायी थीं। कम सीटें मिलने के बावजूद भाजपा ने अन्य और निर्दलीयों के सहयोग से राज्य में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की।

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