नाबालिग पीड़िता को आधीरात तक अकेले थाने में बिठाया, धमकाया, साइन कराए

ग्वालियर। डायल 100 में तैनात पुलिसकर्मी पर किडनैपिंग और रेप की कोशिश का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने एक नई शिकायत की है। उसने बताया कि घटना के बाद सारी पुलिस आरोपी पुलिसवाले को बचाने में जुट गई है। उसे दोपहर 3 बजे से रात 1 बजे तक अकेले थाने में बिठाया गया। घरवालों से मिलने नहीं दिया। धमकाया, बदनामी का डर दिखाया। फिर लालच दिया कि वक्त आने पर नौकरी लगवा देंगे और कुछ कागजों पर साइन करवा लिए। पीड़िता 10वीं की छात्रा है। उसने महिला थाना प्रभारी पर ये आरोप लगाए हैं। 

इसी छात्रा ने एक दिन पहले डायल 100 में तैनात पुलिसकर्मी व उसके साथियों पर दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया था। एसपी ने मामले की जांच के लिए कहा था। बुधवार शाम एसपी ऑफिस पहुंची दुष्कर्म प्रयास की पीड़ित बेहट निवासी दसवीं की छात्रा ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली व कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। एसपी के सामने पहुंचकर छात्रा ने आरोप लगाया है कि उसके साथ घटना हुई। इसके बाद भी उसे आरोपियों की तरह मंगलवार दोपहर 3 बजे से रात 1 बजे महिला थाने में बैठाकर महिला थाना प्रभारी व महिला सीएसपी आरोपियों की तरह सवाल करती रहीं। हर बार मेरी सुनायी बात को गलत साबित करने के लिए प्रयास करती रहीं। मेरे परिवार के लोगों से मिलने नहीं दिया गया। मुझे बदनाम होने की बात कहकर डराया, धमकाया भी। साथ ही यह भी लालच दिया कि तुम्हारी लम्बाई ठीक है और पढ़ भी रही हो जल्दी नौकरी लगवा देंगे। लगातार दबाव के बाद मैं डर गई और जो उन्होंने कहा उस पर साइन कर दिए। यह बात सामने आते ही एसपी डॉ. आशीष ने तत्काल जांच के आदेश दिए। साथ ही छात्रा को मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत सही बयान देने के लिए ही कहा।

बेहट निवासी दसवीं की छात्रा ने मंगलवार को महिला थाने पहुंचकर शिकायत की थी कि सोमवार रात 11 बजे उसके दादा के मोबाइल पर बेहट थाने में पदस्थ और वर्तमान में डायल 100 में तैनात सिपाही राघवेन्द्र अपने सीयूजी नंबर से कॉल किया। बोला दादा से कुछ काम है। जब वह दरवाजा खोलने आई तो उसे चार युवक नकाबपोश अपने साथ जबरन एक पुरानी की सफेद रंग की गाड़ी में डालकर ले गए। वह उसे लेकर जंगल में गए। यहां उसके कपड़े उतारकर गलत हरकत करने का प्रयास किया। इसी बीच पुलिस को सायरन बजने की आवाज आई जिस पर युवक भाग गए। जब वह घर लौट रही थी तो दादा व अन्य परिजन उसे तलाशते हुए थाने आ गए थे। पुलिस जवान को जब थाने तलब किया तो उस ने पहुंचकर छात्रा से छह माह पुरानी जान पहचान होने की बात कही।

अक्सर देखने में आता है कि जब भी किसी पर कोई महिला दुष्कर्म व दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाती है तो पुलिस तत्काल आरोपी पर मामला दर्ज करती है। इसके बाद जांच की जाती है। आरोपी को कोर्ट में खुद को निर्दोश साबित करना पड़ता है। पर जब भी किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ ऐसा मामला आता है तो पुलिस की कार्रवाई बदल जाती है। इस मामले में भी पुलिसकर्मी का नाम आने के बाद पुलिस अधिकारियों ने पहले एफआईआर दर्ज नहीं की। वह पीड़िता को बार-बार पूछताछ के नाम पर जलील करते रहे। दोपहर 3 बजे से रात 1 बजे तक पूछताछ की गई। फिर मेडिकल के लिए भेजा गया। पुलिस को मेडिकल रिपोर्ट मिल भी मिल गई। सूत्रों के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कृत्य की बात आई है। पर पुलिस पुलिस पुष्टि नहीं कर रही है।

पीड़िता ने बार-बार बयान बदले हैं। मंगलवार दोपहर कुछ और कहा था रात को कुछ और। बुधवार पीड़िता ने डरकर अपने बयान बदलने की बात कही है। इसकी जांच करा रहे हैं। 

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