
दरअसल उत्पाद विभाग को लगातार शिकायत मिल रही थी कि सरकारी शराब दुकानों में नकली शराब की बिक्री हो रही है. इसकी पड़ताल के लिए नयी तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। वर्तमान में झारखंड राज्य बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के माध्यम से निजी लाइसेंस वाली दुकानों को शराब की आपूर्ति की जाती है। राजस्व में वृद्धि नहीं होने पर विभागीय पड़ताल की गयी। पता चला कि लाइसेंसी दुकानों में बाहर का माल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।
सुधीर कुमार, जिला उत्पाद अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम का कहना है कि सरकारी दुकानों में बेची जा रही शराब की असलियत की जांच के लिए मोबाइल एप का सहारा लिया जा रहा है। इससे तुरंत रिजल्ट मिलता है। लोग इस सुविधा के जरिए शराब की गुणवत्ता की जांच आसानी से कर सकते हैं।
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