
कार्यक्रम में शामिल होने आए थे प्रभु
प्रभु के वाहन से बाहर निकलते ही विरोध प्रदर्शनकारियों ने उन्हें काला कपड़ा पहना दिया और साथ ही उन्हें एक लॉलीपॉप भी देने लगे। रेल मंत्री सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री बिल्डिंग (एसजीसीसीआई) में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहर आए थे।
करीब 50 प्रदर्शनकारी आयोजन स्थल के बाहर जमा हो गए और प्रभु के आने से पहले नारेबाजी करने लगे लेकिन पुलिस उन्हें थोड़ी दूरी पर रोकने में सफल रही। इसके बावजूद कुछ प्रदर्शनकारी मंत्री के पास पहुंच गए।
पुलिस ने कहा, कड़ी कार्रवाई होगी
सूरत के पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने कहा, ‘‘हमने इस सिलसिले में 12 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। उनके विरोध प्रदर्शन की योजना की हमें कोई जानकारी नहीं थी। हम उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’ हालांकि घटना के बाद प्रभु ने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जिनमें एसजीसीसीआई के सदस्यों को उनका संबोधन और एक डिजी धन मेला शामिल थे।
रेल मंत्री ने किया ट्वीट
रेल मंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने गुजरात में पुल के नीचे 35 सड़कों के निर्माण की आधारशिला रखी और ‘‘पूरे गुजरात में कई बुनियादी ढांचे, यात्री सुविधाओं को सूरत में’’ देश को समर्पित किया।
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि वे भाजपा की ‘‘जन विरोधी नीतियों एवं गुजरात के प्रति केंद्र की उदासीनता’’ के खिलाफ इस तरह का विरोध प्रदर्शन करना जारी रखेंगे।
बीजेपी ने की आलोचना
प्रभु की अगवानी के लिए शहर में मौजूद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने विरोध प्रदर्शन के तरीके की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों को पार्टी राजनीति से उपर उठना चाहिए और कांग्रेस को नकारात्मकता में शामिल होने के लिए जाना जाता है।