
लिपिक का काम ही करेंगे
अधिकांश विभागों के लिपिक खासतौर से राजस्व कार्यालयों के लिपिकों ने अपनी समस्या रखी। उन्होंने बताया कि उनके अधिकारी अपनी जिम्मेदारी व अधिकार क्षेत्र के काम भी उनसे कराते हैं। जब कोई गलत आदेश हो या फिर प्रकरण में देरी हो जाए तो अंगुली सिर्फ लिपिक पर ही उठती है। इसलिए लिपिक अब अपने अधिकार क्षेत्र वाले ही काम पूरे करेंगे।
नियमानुसार जितनी सेवा देने का अधिकार लिपिकों को मिला है, उन्हें समय रहते पूरा किया जाएगा। किसी भी व्यक्ति से अनाधिकृत डिमांड या दबाव बनाने की कोशिश नहीं की जाएगी। यदि अधिकारी जोर जबरदस्ती से काम कराने की कोशिश करेंगे तो ऐसे मामलों को भी सामने लाया जाएगा। जरूरी हुआ तो उसका विरोध भी दर्ज किया जाएगा।
कोई नहीं करता मदद
लिपिकों की चर्चा में सबसे बड़ा सवाल यही उठा कि जब किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होती है तो उन्हीं का अफसर मदद नहीं करता। यहां तक की जान पहचान वाले भी किनारा कर लेते हैं। इसलिए सभी को कोशिश करनी होगी कि वे अपना काम ईमानदारी से करें।