
हार्दिक पटेल गुरुवार को सूरत स्थित पुलिस की अपराध शाखा में पेश होने के बाद एक सभा में अपने संबोधन के दौरान इस तरह के विवादित बयान दिये थे। इससे देश की सियासत में एक बार फिर उबाल आने के आसार हैं। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, इस सभा में हार्दिक ने कहा कि मुझसे लोग पूछते हैं कि इतने बड़े आंदोलन से क्या हासिल हुआ। मैं इसका जवाब देता हूं कि इससे हमें 44 पाटीदार गदहे विधायक मिले, जो 14 पाटीदार युवाओं की मौत के बाद भी बोल रहे नहीं रहे हैं।
गौरतलब है कि गधों के बयान को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में बवाल मचा है। एक चुनावी रैली में अखिलेश यादव ने गुजरात के गधों वाले एक विज्ञापन का सहारा लेकर अप्रत्यक्ष तौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. अखिलेश ने अपने बयान में कहा था कि गुजरात के लोग गदहों का प्रचार करवाते हैं।
अखिलेश के इस बयान के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि गदहे अपने मालिक के वफादार होते हैं. लोग गदहों का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन मैं गदहों प्रेरणा लेता हूं. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि उन्हें ऐसा बयान देने से पहले यह पता कर लेना चाहिए था कि कांग्रेस ने गुजरात के गदहों पर डाक टिकट जारी किया था.