भोपाल। कटनी कालाधन कांड के कारण सीएम शिवराज सिंह चौहान तक के लिए तनाव का कारण बन चुके छिंदवाड़ा एसपी, आईपीएस गौरव तिवारी का घूसखोरी के खिलाफ जारी हुआ एक आदेश गृहमंत्री को आपत्तिजनक लग रहा है। श्री तिवारी ने छिंदवाड़ा आते ही अपने अधीनस्थ थानेदारों को आदेशित किया कि यदि उनके स्टाफ में कोई भी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया तो उसके साथ साथ थानेदार को भी सस्पेंड कर दिया जाएगा।
कटनी से ट्रांसफर होकर छिंदवाड़ा पहुंचे SP गौरव तिवारी ने एक आदेश निकाला है। इसमें सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि अगर उनके स्टाफ में कोई अधिकारी/कर्मचारी लोकायुक्त द्वारा ट्रेप (रिश्वत लेते पकड़े जाना) किया जाता है, तो इस मामले में उनकी भी संलिप्तता मानी जाएगी। यानी थाना प्रभारी को भी निलंबित करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
हालांकि कोई थाना प्रभारी इसके बारे में बोलने के तैयार नहीं, लेकिन गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि, यह आदेश आपत्तिजनक है। इसे लेकर सरकार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
बता दें कि पुलिस विभाग घूसखोरी के लिए सबसे ज्यादा बदनाम है और किसी भी थाने में होने वाली घूसवसूली थानाप्रभारी के संरक्षण में और थाना प्रभारी के लिए ही होती है। सब जानते हैं कि थाने का सारा स्टाफ दिनभर में जो भी वसूली करके लाता है, शाम को थानेदार की टेबल पर रख दिया जाता है। ऐसे में गौरव तिवारी का यह आदेश गृहमंत्री को आपत्तिजनक क्यों लग रहा है, विचारणीय प्रश्न है।
बता दें कि गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह पुलिस संगठन विरोधी बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में आ जाते हैं। बालाघाट में संघ प्रचारक मारपीट मामले में भी उन्होंने पुलिस विभाग के विरुद्ध बयान जारी किया था। मंत्री संजय पाठक मामले में भी कुछ ऐसा ही बयान आया।