नोटबंदी का असर: टू-व्हीलर्स की SALE आधी रह गई

भोपाल। 8 नवंबर से लागू हुई नोटबंदी की मार ऑटोमोबाइल सेक्टर पर साफ तौर पर दिखाई दे रही है। राजधानी भोपाल में पिछले महीने टू-व्हीलर्स की बिक्री आधी रह गई है तो कारों की बिक्री भी 25 फीसद कम हो गई है। सियाम द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राजधानी के साथ ही देशभर में ऑटोमोबाइल सेक्टर में 16 साल में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है।

राजधानी भोपाल में नोटबंदी के चलते निगेटिव कंज्यूमर सेंटिमेंट के कारण कारों और बाइक्स की बिक्री नहीं हो पा रही है। सामान्य तौर पर राजधानी के ऑटोमोबाइल शोरूमों से प्रतिदिन 50 से 60 फोर व्हीलर वाहन बिक जाते थे, लेकिन इन दिनों यह संख्या 20 तक भी नहीं पहुंच पा रही है। रोज करीब 125 से 150 टू-व्हीलर्स लोगों के घर पहुंचते थे, लेकिन अब यह संख्या 60 से 70 के आसपास ही पहुंच पा रही है।

वाहनों की बिक्री में 18.66 फीसद की कमी
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (एसआईएएम) के अनुसार घरेलू बाजार में कारों की बिक्री दिसंबर में 8.14 प्रतिशत घटकर 1,58,617 वाहन रही। दिसंबर 2015 में 1,72,671 कारों की बिक्री घरेलू बाजार में हुई थी। दिसंबर 2016 में मोटरसाइकिलों की बिक्री भी 22.5 प्रतिशत घटकर 5,61,690 इकाई रही, जबकि एक साल पहले इसी महीने में 7,24,795 मोटरसाइकिलें बेची गईं थीं। कुल मिलाकर दिसंबर माह में सभी तरह के वाहनों की बिक्री में 18.66 प्रतिशत की कमी आई । दिसंबर 2000 के बाद ये सबसे ज्यादा गिरावट है जब सेल्स में 21.81 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी।

बढ़ी फीस का भी रहेगा असर
नोटबंदी ने तो कारों की बिक्री 25 फीसद और टू-व्हीलर की बिक्री 50 फीसद कर दी है, लेकिन अब ड्राइविंग लाइसेंस,फिटनेस और परमिट की फीस में पांच गुना तक बढ़ोतरी ने ऑटोमोबाइल सेक्टर की मुश्किलें बढ़ा दी है। हमने परिवहन विभाग से मिलकर फीस में रियायत देने की मांग की है।
महेंद्र चौधरी, 
अध्यक्ष, मप्र ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन

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