बाला बच्चन: जिस शिवराज सरकार ने गोद में बिठाया, उसी ने लात मार दी

भोपाल। मप्र विधानसभा में प्रभारी नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन और शिवराज सरकार के रिश्ते अब तल्ख हो गए हैं। एक वक्त ऐसा भी था जब शिवराज सरकार के मंत्री विधानसभा के भीतर बाला बच्चन के सम्मान की लड़ाई लड़ रहे थे। अब वह वक्त भी आ गया जब एक कार्यक्रम में भाजपा के सांसद ने उनकी कॉलर पकड़कर धक्का दिया तो दूसरे कार्यक्रम में उनको इनवाइट तक नहीं किया गया। 

शिवराज सरकार ने कब तरफदारी की
बात विधानसभा के मानसून सत्र 2016 की है। भोपाल समाचार डॉट कॉम ने एक खबर प्रकाशित की थी 'सिंहस्थ घोटाले पर कांग्रेस चुप, बाला बच्चन पर फिक्सिंग के आरोप।' कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस खबर को ट्वीट करते हुए कमेंट किया 'मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक दल को सिंहस्थ के भ्रष्टाचार को तत्काल विधानसभा में मजबूती से उठाना चाहिए।' बस फिर क्या था। भाजपा के मंत्रियों ने विधानसभा में हंगामा कर डाला। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए सिंह के ट्वीट के संदर्भ में कहा कि प्रदेश की विधानसभा में क्या मुद्दा उठेगा, क्या इस बारे में नेता प्रतिपक्ष को कोई तीसरा व्यक्ति ट्विटर के माध्यम से निर्देश देगा? उन्होंने इसे सदन की अवमानना बताते हुए उपनेता प्रतिपक्ष बच्चन का अपमान बताया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने भी मिश्रा से सहमति जताते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन बताया।

जनवरी 2017 में शनिवार 21 को आयोजित आदिम जाति कल्याण विभाग के जनजातीय सम्मेलन में बाला बच्चन को मंच से बोलने नहीं दिया गया। बाला बच्चन ने जब विरोध जताया तो भरे मंच पर सांसद सुभाष पटेल ने ना केवल उनकी कॉलर पकड़ी बल्कि धक्का भी दिया। इस घटना के समय सीएम शिवराज सिंह मंच पर मौजूद थे। उन्होंने बाला बच्चन को माइक पर बुलाया लेकिन 5 मिनट बाद ही माइक बंद कर दिया गया। घटना के बाद सीएम ने कहा कि बाला बच्चन नेता प्रतिपक्ष बने रहने के लिए बेवजह हंगामा कर रहे हैं। 

हाउसिंग बोर्ड के कार्यक्रम में आमंत्रित ही नहीं किया
शनिवार 28 जनवरी 2017 को बड़वानी जिले में हाउसिंग बोर्ड ने कैलाश नगर अटल आश्रय योजना के तहत बनने वाले 40 एलआईजी और 116 ईडब्ल्यूएस भवनों के लोकार्पण के लिए कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिले की सेंधवा सीट से विधायक राज्य सरकार में (पशुपालन विभाग) में केबिनेट मंत्री अंतर सिंह आर्य थे। जिले के दो अन्य विधायकों में भाजपा के पानसेमल से विधायक दीवान सिंह पटेल और बड़वानी से ही कांग्रेस के विधायक का भी बतौर अतिथि कार्ड में नाम लिखवाया गया, लेकिन इसी जिले की राजपुर विधानसभा से कांग्रेस के विधायक (कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष) बाला बच्चन का नाम नहीं लिखा गया। ना ही उन्हे इंवाइट किया गया। 

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