कर्मचारियों को संपत्ति मामले में मिली राहत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लोकपाल अधिनियम के तहत फिलहाल अपनी संपत्तियों और देनदारियों की घोषणा नहीं करनी है क्योंकि सरकार इससे संबंधित नए नियमों को अंतिम रूप दे रही है। पहले केंद्रीय कर्मियों को 31 दिसंबर तक यह घोषणा करनी थी।

एक कार्यालयी परिपत्र के मुताबिक, जल्द ही नियमों को अधिसूचित किया जाएगा जिसमें लोकपाल अधिनियम के संशोधित प्रावधानों के तहत संपत्तियों व देनदारियों की घोषणा करने का फॉर्म, तरीका और समयसीमा का उल्लेख होगा।

इसी साल जुलाई में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम की धारा 44 के अंतर्गत अपनी संपत्तियों और देनदारियों की घोषणा करने के लिए कहा गया था। इसके अलावा सभी लोक सेवकों को निर्देश दिया गया था कि वे इस साल 31 दिसंबर तक अपनी संपत्तियों और देनदारियों (जो उनके पास 31 मार्च, 2015 तक हो) का वार्षिक रिटर्न भी दाखिल कर दें।

बता दें कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम के तहत एक कर्मचारी को अन्य चीजों के अलावा विदेशी बैंक खातों में जमाओं का विवरण, कीमती पेंटिंगों, पुरानी दुर्लभ वस्तुओं, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, चल संपत्ति, बीमा, बांड, शेयरों और म्यूचुअल फंड्स की जानकारी देनी होती है। कर्मचारी को यह घोषणा विभिन्न सेवा नियमों के तहत की जानी वाली इसी तरह की अन्य घोषणाओं के अतिरिक्त करनी होती है।

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