शिवराज नहीं मोदी के नाम पर बुलाई थी भीड़, प्रशिक्षण भी नहीं दिया

भोपाल। जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिन लोगों को हितग्राहियों को लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने बताया था कि पीएम नरेंद्र मोदी सभा को संबोधित करेंगे, हितग्राही हरिशचंद्र राजपूत ने बताया कि जब यहां देखा तो पीएम मोदी नहीं आए तो निराशा ही हाथ लगी। ऐसी ही बात इब्राहिम खां समेत अन्य लोगों ने भी कही। 

ये हाल रहा प्रशिक्षण केंपों में
गरीब कल्याण प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रमुख विभागों के पांडाल अलग से बनाए थे ताकि मंत्री पहले से पहुंचकर हितग्राहियों को योजनाओं के बारे में खुद बताएं। सीएम ने इस बाबत सभी मंत्रियों को कैबिनेट बैठक में निर्देश दिए थे, लेकिन पांडाल में कई मंत्री नहीं पहुंचे। वे मंच पर पहुंचने की जल्दबाजी में भी दिखाई दिए। प्रमुख विभागों के पांडाल में जो अफसर तैनात थे, वे भी उदासीन दिखे। 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास : ट्रेनिंग देने कोई नहीं 
12.37 बजे - मनरेगा से मिलने वाली मजदूरी समेत अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही, लेकिन प्रशिक्षण देने वाला कोई नहीं था। विभाग के अफसर सुदर्शन सोनी से जब पूछा गया कि विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव यहां आए थे तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा, बाकी जानकारी लेना है तो उच्च अधिकारी देंगे जो अभी कार्यक्रम में हैं। 

महिला एवं बाल विकास: नहीं पहुंचीं मंत्री 
12.45 बजे - लाड़ली लक्ष्मी, कन्यादान योजनाओं समेत मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी देने के लिए नोडल आफिसर रचना बुधौलिया को बनाया था, पर वे एक्जिबिशन स्थल पर नहीं थी। मौके पर मौजूद विभाग के सहायक संचालक आलोक श्रीवास्तव मिले। उनसे जब पूछा गया कि विभाग की मंत्री अर्चना चिटनीस आईं या नहीं तो वे बोले, पता नहीं, हो सकता है कार्यक्रम खत्म होने के बाद वे आएं। 

खाद्य विभाग : न अफसर थे, न मंत्री 
12.50 मिनट - खाद्य योजनाओं की जानकारी देने के लिए विभाग के अफसर नहीं थे। मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे आएंगे या नहीं, बताने वाला कोई नहीं। श्रम विभाग की जानकारी कल्याण निरीक्षक महावीर यादव दे रहे थे। 

नगरीय विकास : एक कोने में बैठे थे अधिकारी 
12. 55 मिनट - मेट्रो रेल की प्लानिंग और साइकिल देखने लोग आते रहे। विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों में लोगों को कौन-कौन सी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है, यह बताने वाला कोई नहीं था। अफसर एक जगह बैठे दिखाई दिए। विभाग में डिप्टी डायरेक्टर सीयू राय ने बताया कि विभागीय मंत्री माया सिंह कुछ देर के लिए आई थी। 

कृषि विभाग : बड़ा स्टॉल, बताने वाला कोई नहीं 
12.57 मिनट - भारी भरकम स्टाल लगाया गया, लेकिन जानकारी देने कोई अफसर वहां नहीं था। यहां खड़े सहकारिता विभाग के एक अधिकारी एचएन वर्मा का कहना था कि उन्हें पता नहीं है कि विभाग का कोई अफसर यहां है या नहीं। मंत्री गौरीशंकर बिसेन अब तक तो आए नहीं है। 

उद्यानिकी विभाग : मंत्री गए ही नहीं 
1.00 बजे - फंदा ब्लाक के उद्यानिकी अधिकारी जीएस रघुवंशी का कहना था कि अभी तक तो विभागीय मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा स्टॉल में नहीं आए। कार्यक्रम खत्म होने के बाद आएंगे, जो भी लोग आ रहे हैं उन्हें हम जानकारी दे रहे हैं। 

नोटबंदी पर सुना दी सत्यनारायण कथा 
नोटबंदी पर शिवराज ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनाते हुए कहा-एक बार एक व्यापारी दूर देश से धन कमाकर लाता है। नाव से नदी पार करता है तो सत्यनारायण भेष बदलकर उससे पूछते हैं क्यों क्या लाए हो। व्यापारी उनसे छिपाकर कहता है कि लता-पत्रा है। सत्यनारायण भगवान उसे आशीर्वाद दे देते हैं कि जो तेरे पास है लता-पत्रा हो जाए। मोदी ने भी पहले कहा था कि कालाधन घोषित कर दो, लेकिन नहीं किया। मोदी ने उन सब के कालेधन को लता-पत्रा कर दिया। 

शिवराज ने पूछा- मोदी के साथ हो न 
पौन घंटे के भाषण में मुख्यमंत्री ने जनता से सवाल-जवाब भी किए। नोटबंदी पर उन्होंने पूछा, मोदी के साथ खड़े हो ना। जनता ने हां में जवाब दिया। फिर बोले-पत्रकार भी देख लें और दुनिया भी। कालाधन परमानेंट खत्म करने के लिए सब तैयार हैं। उन्होंने फिर कई और भी सवाल किए। मुझ पर विश्वास है न? बताओ सरकार अच्छा काम कर रही है कि नहीं? बीमे का 4500 करोड़ मिलने वाला था ये सोचा था क्या? कालाधन, भ्रष्टाचार व आतंकवाद सब समाप्त होना चाहिए कि नहीं? लाइन में खड़े हुए तो गुस्सा तो नहीं आया? 

पहले मंत्री, फिर विधायक को देंगे कैशलेस की ट्रेनिंग - 
सीएम ने कहा कि कैशलेस को बढ़ाने के लिए सबसे पहले सभी मंत्री और फिर विधायक इसका प्रशिक्षण लेंगे। इसके बाद व्यापारियों और फिर जनता को ट्रेनिंग दी जाएगी। जंबूरी मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए लोग अपने साथ शिकायती पत्र और ज्ञापन भी लाए थे। 

कुर्सियां खाली रह गईं
दूसरी ओर 8.5 लाख वर्गफीट में लगे पांडाल में पीछे और सेंट जेवियर स्कूल की ओर के हिस्से में लगी कुर्सियां खाली थीं। सीएम के पहुंचने के बाद भी वे खाली ही रहीं। बताया जा रहा है कि सम्मेलन में 9800 बसों से लोग लाए गए। चूंकि रविवार को भोपाल रन भी हुआ, इस कारण कई बसें पार्किंग में फंस गईं। पुलिस व कुछ अधिकारी लोगों को पांडाल में घुसने से रोकते दिखे। यहां बता दें कि यह शासकीय आयोजन ही था। कार्यक्रम खत्म होते ही सीएम के जाने से पहले कई मंत्री आयोजन स्थल से रवाना हो गए। 

ना भोजन मिला ना इंतजाम: विधायक
बैरसिया विधायक विष्णु खत्री का कहना था कि दूरदराज क्षेत्रों से भाग लेने के लिए किसान व हितग्राही आए थे, जिन्हें समय से भोजन नहीं मिल पाया। किसानों के मेरे पास फोन आ रहे थे। ऐसा लगता है कि कृषि विभाग के अफसर व्यवस्था नहीं कर पाए। इसे मैं उच्च स्तर पर संज्ञान में लाऊंगा। 

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