पश्चिम ​बंगाल में सेना की तैनाती को लेकर संसद में बवाल

नई दिल्ली। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले भोपाल गैंस कांड की 32वीं बरसी पर दो मिनट का मौन रखा गया। लोकसभा में पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। राज्यसभा के शुरू होते ही प.बंगाल में सेना की तैनाती का मुद्दा विपक्ष ने उठाया।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बंगाल के सीएम के साथ ज्यादती हो रही है। सेना तैनात करना संविधान पर बहुत बड़ा हमला है। सेना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सेना तैनात करना चिंता का विषय है। इसकी जरूरत क्यों पड़ी। सेना तैनाती पर सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि बंगाल की जनता इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी। 

सेना की तैनाती पर लोकसभा में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है। 2015 में भी ऐसा हुआ था। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडु ने कहा कि सेना के अभ्यास के लिए बंगाल को विश्वास में लिया गया था। ऐसा पिछले साल भी हुआ था। आर्मी को विवादों में नहीं खींचना चाहिए। यह एक संवेदनशील मामला है, क्योंकि यह सेना से संबंधित है।

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