
गोदामों में रखे इस चावल की मात्रा का प्रतिवर्ष कागजी सत्यापन किया गया क्योंकि वेयर हाउस और नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारियोें और अधिकारीयों की मिलीभगत से कथित अफरा तफरी की गई है। इसका किसी प्रकार से खुलासा ना हो इस लिहाज से कागजी सत्यापन कर हेराफेरी को छुपाने का कूत्सित प्रयास किया जा रहा है।
इस कारगुजारी से शासन को लाखों रूपये की क्षति पहुचने का आंशका दिखाई दे रही है। भण्डारित चांवल का भौतिक सत्यापन किया जाये तो असलियत स्वयंमेव उजागर हो जायेगी।