यदि एक दिन आप पुलिस की तारीफ करें तो हमें अच्छा लगेगा: डीजीपी

भोपाल। इन दिनों मप्र में आरएसएस और पुलिस विभाग आमने सामने हैं। बालाघाट के बैहर से उठा विवाद पेटलावद तक जिंदा है। पुलिस का कहना है कि वो न्यायोचित कार्रवाई कर रही है जबकि आरएसएस का कहना है कि पुलिस इकतरफा कार्रवाई कर रही है। इसी तनाव भरे माहौल में 21 अक्टूबर को 'पुलिस शहीद दिवस' आ रहा है। डीजीपी ऋषि शुक्ला ने अपील की है कि 'भले ही आप साल में 364 दिन पुलिस को कोसते रहिए, लेकिन एक दिन 21 अक्टूबर को अगर आप पुलिस के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हैं तो हम लोगों के आभारी रहेंगे। 

डीजीपी ऋषि शुक्ला ने बुधवार को मीडिया से चर्चा कर रहे थे। डीजीपी ने कहा कि वे मानते हैं कि पुलिस में कुछ खामियां हैं, इसी वजह से पिछले साल ही 200 से ज्यादा पुलिसवालों को टर्मिनेट तक कर दिया गया। अगर दस दिन में से 9 दिन पुलिस लाजवाब काम करती है और एक दिन चूक हो जाती है तो लोग 9 दिन का अच्छा काम भुला देते हैं। 

हड़ताल और दंगे कौन कराता है, सब जानते हैं
एक तरफ जहां डीजीपी ने बातो बातों में अपना दर्द जाहिर किया तो वहीं झाबुआ मामले में हटाए गए एसडीओपी राकेश व्यास ने भी फेसबुक पर दो पोस्ट की। हालांकि उन्होंने सीधे कुछ नहीं लिखा पर बातों ही बातों में अपनी पीड़ा भी जता दी। पोस्ट के बाद विवाद बढ़ा तो उन्होंने उसे हटा दिया।

अपनी पहली पोस्ट में उन्होंने लिखा 'परवाह नहीं जमाने की चाहे जितना खिलाफ हो, चलूंगा उसी राह पर जो सीधी और साफ हो", तो वहीं दूसरी पोस्ट में व्यास ने पुलिस और नेताओं की स्थिति पर तंज करते हुए लिखा 'सब जानते हैं कि दंगे कौन कराते हैं, हड़ताल कौन कराते हैं, उत्पात कौन कराते हैं, बाजार कौन जलाते हैं। समझा जा रहा है ये संदेश उन पर की गई कार्रवाई की प्रतिक्रिया है, लेकिन व्यास ने इस बात से इंकार किया है।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!