नईदिल्ली। दुनिया भर में साइबर हमले की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने सूचनाओं को लीक होने से बचाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों को कैबिनेट और कैबिनेट समितियों की बैठक में मोबाइल लेकर न आने को कहा है। 17 अक्टूबर को कैबिनेट सेक्रेटरी की ओर से जारी ज्ञापन में कहा गया है कि 'कैबिनेट/कैबिनेट समितियों की बैठक में मोबाइल और स्मार्टफोन्स को ले जाने पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। और अब बैठक स्थल पर मोबाइल और स्मार्टफोन्स की अनुमति नहीं होगी।' ज्ञापन कहता है, 'मंत्रियों वाली मंत्रिपरिषद के सदस्यों के निजी सचिवों को भी इस बारे में सदस्यों को बताने के लिए कहा गया है।'
पाक अधिकृत कश्मीर में सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर बोलते हुए रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने हाल ही में कहा था कि 'ऑपरेशन के दौरान मैंने मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया, ताकि किसी भी तरीके से महत्वपूर्ण जानकारियां लीक न हो। महत्वपूर्ण बैठकों के दौरान मैं अपना फोन स्विच ऑफ रखता हूं, लेकिन कुछ लोग फोन की बैटरी में भी बग लगा सकते हैं और आपकी बातचीत सुन सकते हैं।'
तानाशाही और फासीवादी आदेश
कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है और इसे 'तानाशाही और फासीवादी आदेश' करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा, 'ऐसा पहली बार हो रहा है, यह एक उदाहरण है कि आरएसएस और बीजेपी किसी भी तरह की पारदर्शिता नहीं चाहते।'