कोर्ट ने सुखी दाम्पत्य के लिए भेजा था घर, पति ने नाक काट डाली

उज्जैन। यहां न्यायालय की मानवीय पहल भी घातक सिद्ध हो गई। तलाक के एक मामले में कोर्ट ने पति पत्नी की काउंसलिंग कर फिर से सुखी दाम्पत्य जीवन जीने की सलाह देकर घर भेजा था। पति ने पत्नी की नाक काट डाली, ताकि भविष्य में यदि उसे तलाक मिलता है तो वो किसी दूसरे पुरुष से विवाह ही ना कर सके। 

मामला जिले के महिदपुर तहसील के ग्राम सगवाली का है। यहां रहने वाले रामलाल की चार साल पहले रीना से शादी हुई थी। शादी के बाद से रामलाल के शराब पीने की वजह से पति-पत्नी के रिश्तों में खटास रहने लगी। रीना का आरोप था कि पति के शराब पीने का विरोध करने पर उसे ताने देकर प्रताड़ित किया जाता था।

शादी के करीब चार साल बाद रीना का सब्र का बांध टूट गया और वह ससुराल छोड़कर मायके में रहने लगी। पत्नी के घर छोड़ने का भी रामलाल पर कोई असर नहीं हुआ, जिसके बाद रीना ने कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दायर कर दी। 

यह मामला अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश पीसी गुप्ता के समक्ष सुनवाई के लिए लिए आया। अदालत ने घर बस जाने की सम्भावना के चलते 24 अक्टूबर को काउंसलिंग के दौरान दोनों को दोबारा एक साथ रहने के आदेश दिए। आरोप है कि ससुराल लौटने के बाद रीना को दोबारा प्रताड़ित किया गया। रीना के अनुसार, बुधवार को जेठ और सास ने उसके हाथ पकड़े, जिसके बाद पति ने यह कहते हुए उसकी नाक चबा दी कि इसके बाद कोई उससे शादी नहीं कर सकेगा।महिदपुर पुलिस के अनुसार, रीना की शिकायत पर पति रामलाल के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

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