
दिग्विजय सिंह एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा कि सिमी और बजरंग दल दोनों मिल कर दंगे कराते हैं। ऐसे में इन आतंकियों के भागने के बाद प्रशासन को नजर रखना पड़ेगा कि कहीं दंगा फसाद ना हो। इससे पहले खण्डवा से भी सिमी के लोग जेल तोड़ कर भागे और अब भोपाल की जेल से भी। उन्होंने कहा कि मैंने सिमी और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश तत्कालीन एनडीए सरकार से की थी। जिसके बाद सिमी पर तो प्रतिबंध लगा दिया लेकिन बजरंग दल पर नहीं लगाया।
बता दें कि दिवाली का रात 3 से 3.30 बजे के आसपास सिमी के आठ आतंकी फरार हुए। उनसे मुकाबला करते हुए एक हेड कांस्टेबल रामशंकर शहीद हो गया। इन आतंकवादियों पर कई संगीन मामलों में केस चल रहा है। ये इतने खतरनाक थे कि इन्हे पेशी पर कोर्ट भी नहीं लाया जाता था। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इनकी सुनवाई होती थी। सवाल यह है कि इतने खतरनाक आतंकवादियों को एक साथ एक ही सेल में क्यों रखा गया। क्यों उन पर निगरानी के लिए महज एक हेडकांस्टेबल ही तैनात था।