यहां पढ़िए नई शिक्षानीति में आरएसएस की सिफारिशें

0
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े एक संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश की है। इस संगठन ने अपनी सिफारिशें मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी है। संगठन चाहता है कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में उसकी सिफारिशों पर गौर किया जाए।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सिफारिशों में कहा गया है कि स्कूल में उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा में ही बच्चों को सभी निर्देश दिए जाएं। विदेशी भाषाओं को भारतीय भाषाओं की जगह पढ़ने का विकल्प खत्म किया जाए। साथ ही अंग्रेजी को किसी भी स्तर पर जरूरी न बनाए रखने की भी सफारिश की गई है।

इसमें यूजीसी के लिए भी कुछ सिफारिशें दी गई हैं। इसमें कहा गया है कि यूजीसी से स्कॉलरशिप भी उन्हीं लोगों को मिले जो देश हित में रिसर्च करना चाहते हों। इसके अलावा भारत की संस्कृति, परंपरा, संप्रदायों, विचार, प्रख्यात हस्तियों का अपमान करने वाले पाठ्यक्रम को भी किताबों से हटाने की सिफारिश की गई है।

इस सिफारिश को लेकर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के कुछ नेता मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर से मिल भी चुके हैं। उन्होंने ही ये सिफारिशें जावडेकर को सौंपी थी। अंग्रेजी अखबार को मिली जानकारी के मुताबिक, 14 अक्टूबर को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से एक ईमेल शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास को भेजा गया जिसमें लिखा था कि उनकी सिफारिशों को देख लिया गया है और नई शिक्षा नीति को बनाते वक्त उनपर ध्यान दिया जाएगा।

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने अपनी सिफारिशों में सरकारी और निजी दोनों संस्थानों में से धीरे-धीरे अंग्रेजी को हटाने और भारतीय भाषाओं को शिक्षा के सभी स्तरों पर शामिल करने पर जोर दिया है। साथ ही आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे अंग्रेजी भाषाओं में पढ़ाई कराने वाले संस्थानों में भी भारतीय भाषाओं में शिक्षा देने की सुविधा देने पर जोर दिया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि जो भी स्कूल छात्रों को अपनी मातृभाषा में बोलने पर पाबंदी लगाते हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संस्थापक और सचिव अतुल कोठारी ने बताया कि जावडेकर हमारी सिफारिशों पर जरूर गौर करेंगे। उन्होंने कुछ सिफारिशों की तारीफ भी की थी। कोठारी आरएसएस से जुड़े रहे हैं। वह संघ के प्रचारक भी रहे हैं। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के दूसरे फाउंडर दीनानाथ बत्रा है। वह भी संघ के प्रचारक भी रह चुके हैं।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!