सेना के बाद अब विपक्ष और मीडिया पर भी दवाब

इस्लामाबाद। पीएम नवाज शरीफ 'सर्जिकल स्ट्राइक' का पूरा फायदा उठाने के मूड में हैं। वो फटाफट सारी परिस्थितियां अपने फेवर में और सारी ताकतें अपने हाथ में ले लेना चाहते हैं। सेना प्रमुख राहिल शरीफ और आईएसआई चीफ को 'सर्जिकल स्ट्राइक' मामले में फेलियर बताकर हटाने, के नाम पर नवाज ने जैसे दोनों संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है। अब वो विपक्ष के नेताओं और मीडिया पर भी दवाब बना रहे हैं। 

नवाज शरीफ ने सोमवार को पीएम हाउस में आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ को बुलाया। इस दौरान फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार, गृह मंत्री निसार अली खान, पंजाब प्रांत के सीएम शाबाज शरीफ और डीजी आईएसआई लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर शामिल हुए।

ऑफिशियल स्टेटमेंट के मुताबिक, ‘इस बैठक में नेशनल और रीजनल सिक्युरिटी पर चर्चा हुई। इसके अलावा पिछले हफ्ते डॉन में छपी खबर पर भी चर्चा की गई। मीटिंग में मौजूद सभी लोगों ने इस खबर को झूठा बताया। इस पर चिंता जताई। खबर में पिछले हफ्ते नेशनल सिक्युरिटी के मुद्दे पर हुई चर्चा का भी जिक्र था।’

पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन ने 6 अक्टूबर को फ्रंट पेज पर सूत्रों के हवाले से एक खबर छापी थी। यह सेना और सरकार के बीच टकराव के बारे में थी। इस खबर से शरीफ खफा हो गए हैं। उन्होंने सोमवार को अखबार पर कड़ा एक्शन लेने का ऑर्डर दिया है। 

इमरान से निपटने के लिए बुलाई थी मीटिंग
इमरान खान ने 30 अक्टूबर को इस्लामाबाद बंद का एलान किया है। यह बंद शरीफ और उनके परिवार पर लगे करप्शन के आरोपों को लेकर बुलाया गया है। इससे कैसे निपटा जाए, इसी पर चर्चा के लिए नवाज ने सोमवार को मीटिंग बुलाई थी। शरीफ ने इमरान को वार्निंग दी है कि वे प्रदर्शन के दौरान हदें पार न करें। उन्होंने कहा, ‘डेमोक्रेसी में लोग विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन कोई भी हदें पार नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग देश को पैरालाइज करना चाहते हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं होंगे।

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