
नए वेतन मान के तहत अध्यापकों को हर माह 5 से 10 हजार रुपए का फायदा होगा। अध्यापकों को 6वां वेतनमान देने के आदेश 8 महीने पहले जारी हुए थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने पांच माह पहले गणना पत्रक जारी किया था जिसमें कई विसंगतियां थीं। अध्यापकों के संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया। इसके बाद गणना पत्रक वापस ले लिया गया। इस बीच अध्यापकों का कहना है कि आदेश में क्रमोन्नत वेतनमान का उल्लेख नहीं है। इसके अलावा सलाना वेतनवृद्धि नियमानुसार तीन फीसदी के मान से नहीं रखी गई है।
अध्यापक संगठनों में पड़ी फूट का शिवराज सरकार ने खूब फायदा उठाया और मामले को लगातार टालते चले गए परंतु आम अध्यापकों का दवाब भी बढ़ता गया और अंतत: अध्यापक नेताओं को 'संघर्ष समिति' का गठन करना पड़ा। मजबूरी में एकजुट हुए नेताओं ने 'शहडोल रैली' की योजना बनाई। यहां उपचुनाव होने वाले हैं। शिवराज सरकार इस सीट पर जरा सा भी नुक्सान झेलने की स्थिति में नहीं है। यहां शिवराज का जादू चल नहीं पा रहा है। इसीलिए अध्यापकों की रैली से पहले सरकार ने 6वां वेतनमान के आदेश जारी कर दिए।