कर्मचारी का TDS काफी नहीं, IT रिटर्न भी चाहिए

इंदौर। नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना जरूरी है। अब तक अपने नियोक्ता के जरिए टीडीएस (टैक्स डिडेक्टेड एट सोर्स) जमा कर इतिश्री करने वाले वेतनभोगियों की आदत बदलने के लिए विभाग जल्द ही नोटिस जारी करेगा। नियोक्ता और सरकारी विभागों को भी नोटिस जारी कर कर्मचारियों से रिटर्न दाखिल करवाने की सूचना दी जा रही है।

इनकम टैक्स विभाग इंदौर परिक्षेत्र को चालू वित्त वर्ष में टीडीएस कटौती मिलाकर कुल तीन हजार करोड़ की कर वसूली का लक्ष्य मिला है। चीफ कमिश्नर वीके माथुर के मुताबिक वेतनभोगी नौकरीपेशा सबसे बेहतर करदाता के रूप में पहचाने जाते हैं। उनका टीडीएस तो नियमित तौर नियोक्ता ही काटकर जमा करता है। टीडीएस की इस अप्रत्यक्ष कटौती के अलावा भी वेतनभोगियों को अपना वार्षिक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना नियमानुसार जरूरी है। 

हालांकि ज्यादातर वेतनभोगी टीडीएस इस बात से अंजान है। वे टीडीएस कटौती को अपना इनकम टैक्स रिटर्न मानते हैं, जबकि उन्हें अलग से सालान रिटर्न दाखिल करना चाहिए। भले ही उन पर टैक्स की बाध्यता शून्य हो, लेकिन वे अपनी आय का ब्यौरा जमा जरूर करें। विभाग इस संबंध में अब अभियान छेड़कर वेतनभोगियों को जागरूक करेगा। विभागवार पहले मोटी तनख्वाह वालों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

नियोक्ता को नोटिस
आयकर की क्षेत्रीय सलाहकार समिति के सदस्य एडवोकेट राजेश जोशी के मुताबिक विभाग की ओर से सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों को सूचना पत्र भेजे गए हैं। इसमें कहा है कि अपने कर्मचारियों के टीडीएस के साथ उनसे रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दें। दरअसल कई वेतनभोगियों के पास नौकरी के अलावा अचल संपत्ति जैसे किराए या किसी अन्य पारिवारिक जरिए से भी आय अर्जित होती है, लेकिन इसका ब्यौरा विभाग तक नहीं पहुंचता। रिटर्न दाखिल होने से सभी तरह की आय का ब्यौरा विभाग को मिल सकेगा।

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