BSNL के DGM, GC Tolwani को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

भोपाल। बीएसएनएल के भोपाल में पदस्थ डीजीएम GC Tolwani की वो याचिका खारिज हो गई है जिसमें उन्होंने लोकायुक्त की कार्रवाई को अवैध बताने की कोशिश की थी। अब रिश्वतखोरी के मामले में उनके खिलाफ अभियोजन शुरु होगा। तोलवानी को सितम्बर 2014 में रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया था। इसी केस से बचने के लिए वो हाईकोर्ट गए थे। 

मामले की सुनवाई के दौरान लोकायुक्त की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि विशेष स्थापना पुलिस लोकायुक्त संगठन के उज्जैन ऑफिस की टीम ने भोपाल में पदस्थ अधिकारी को राजधानी भोपाल में 42 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 

ऐसा इसलिए क्योंकि लोकायुक्त संगठन उज्जैन को उज्जैन के पंकज प्रताप सिंह ने एक शिकायत सौंपी थी। जिसमें कहा गया था कि डीजीएम टोलवानी बड़े बिल के भुगतान के लिए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। इस शिकायत को गंभीरता से लेकर उज्जैन लोकायुक्त ने जाल बिछाकर भोपाल में ट्रेप को अंजाम दिया। ऐसे में यह तर्क देना कि उज्जैन लोकायुक्त को भोपाल में ट्रेप करने का अधिकार नहीं था, सर्वथा अनुचित है। वस्तुस्थिति यह है कि लोकायुक्त संगठन राज्य के किसी भी हिस्से में पदस्थ अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई करने स्वतंत्र है।

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