उपचुनाव: पुरानी घोषणाएं पूरी नहीं हुईं, नई शुरू हो गईं

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। वर्ष 2013 के चुनाव में प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की स्वर्णिम मध्यप्रदेश की सोच पर पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनाई। प्रदेश में विकास के नये आयाम तय किये गये और उस पर कार्य शुरू हुआ। 2013 में पूर्ण बहुमत से सरकार आने के बाद फरवरी 2016 में मुख्यमंत्री अनूपपुर के सबरी महाकुंभ में पहुंचे। जब वह मंच से बोल रहे थे तब जनता टकटकी लगाये उन्हे देखने के साथ हर एक शब्द सुन रही थी कि जिले को क्या सौगात मिलेगी। 

मुख्यमंत्री ने उस दौरान 13 घोषणाएं की, जनता ने जोरदार तालिया बजाकर स्वागत किया, लेकिन छ: माह बीतने के बाद कोई भी घोषणा धरातल पर पूर्ण नही हुई। सांसद दलपत सिंह के आकस्मिक निधन के पश्चात रिक्त हुई सीट के लिए उपचुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है इसी रणनीति के तहत प्रदेश के मुखिया पूरे क्षेत्र में मतदाताओं को लुभाने के लिए जगह-जगह हितग्राही सम्मेलन, जनसभा व जनदर्शन जैसे कार्यक्रम का आयोजन सरकारी पैसे पर चुनाव के पूर्व कर चुनाव में फतह के लिए अपनी जमीन तैयार करने में लगे हुए है। जनता ने अपने क्षेत्र के लिए विकास के लिए कई मांगे रखी। जिसे मुख्यमंत्री ने सहज स्वीकार करते हुए उन कार्यो को किये जाने की घोषणा जनता को लुभाने के लिए की।

पिछली घोषणाएं सिर्फ कागजों पर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते माह 3 अगस्त को पुष्पराजगढ़ की विधानसभा ग्राम दमेहडी पहुंचे जहां उन्होंने हितग्राही सम्मेलन में आमजनों को संबोधित किया और लाडली लक्ष्मी योजना के चेक वितरित करने के साथ ही भू-अधिकार के पट्टे भी वितरित किये। जनता की मांग पर उन्होंने वहां 5 बड़े कार्यो की घोषणा की, जिसमें बोदा से लखौरा सड़क निर्माण, खजुरवार से बघनी भावर के मध्य पुलिया निर्माण, बिलासपुर हाई स्कूल का उन्नयन, भीमकुंडी से पंचधारा के बीच नर्मदा पुल का निर्माण, समूह पेयजल योजना की घोषणा की जो कहीं शासन स्तर पर विचाराधीन है तो कही डीपीआर तैयार किया जा रहा है। 

ऐसा ही हाल अन्य घोषणाओं का है
राजेन्द्रग्राम की पेयजल योजना की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद टेंडर होना है, बड़ी तुम्मी में स्टोरेज टैंकर का टैण्डर हो गया है जो 10 करोड़ की लागत का है। राजेन्द्रग्राम में सामुदायिक भवन की प्रशासकीय स्वीकृति जारी है। राजेन्द्रग्राम, जैतहरी, कोतमा मार्ग एवं पटनाकला से करपा मार्ग का डीपीआर तैयार किया जा रहा है। अपर जिला सत्र न्यायालय राजेन्द्रग्राम में प्रारंभ करने के लिए शासन स्तर पर विचार हो रहा है। उसके बाद बड़े कार्य की बात करे तो देवहरा में विद्युत सब स्टेशन की मांग का प्रस्ताव ऊर्जा विभाग को भेजा गया है। चचाई में 660 मेगावाट की पावर प्लांट की स्थापना शासन स्तर पर विचाराधीन है। अमलाई से चचाई होते हुए अनूपपुर तक सीसी सड़क के निर्माण का डीपीआर तैयार हो रहा है। यहीं हाल और भी की गई अन्य कई घोषणाओं का है। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार की गई उन घोषणाओं में 6 घोषणाओं की प्रशासकीय स्वीकृति की जा चुकी है, जिनमें अनूपपुर में सर्वसुविधायुक्त बस स्टैण्ड के लिए 50 लाख की राशि नगरपालिका को प्रदाय की जा चुकी है, जिसके निविदा की कार्यवाही जारी है। ऐसे में आज कोयलांचल वासियों को मिलने वाली सौगाते कब पूरी होगी और इस क्षेत्र के लोगों को कब तक इसके लिए राह देखनी पड़ेगी यह कहना मुश्किल होगा।

कब बनेगा अनूपपुर न्यारा
अनूपपुर जिला छत्तीसगढ़ से प्रदेश का प्रवेश द्वारा एवं राजधानी भोपाल से मानित यह अंतिम छोर का जिला है। जो पूर्णत: आदिवासी बाहुल्य जिला कहलाता है इसे प्रदेश का प्रवेश द्वारा बनाने की सोच प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम, उद्यम राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार व जिले के प्रभारी मंत्री संजय पाठक ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा था कि अनूपपुर को फेस ऑफ एमपी बनाने की बात कहीं, यह बात कितनी कारगर होगी। यह तो आने वाला समय बतायेगा।  उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश की सीमा में जब हम प्रवेश करते है तो यह पहला जिला होता है, ऐसे में हम इसे मध्यप्रदेश का पहला जिला माने और प्रदेश के मानस पटल पर ऐसा विकसित दिखाई पड़े कि लोग इसे फेस ऑफ एमपी कहने लगे।

घोषणाओं के दम पर उप चुनाव
उपचुनाव की तैयारी कर रहे मुख्यमंत्री ने जहां एक ओर पूरे दमखम से मंत्रीमंडल के साथ क्षेत्र में डेरा डाल रहे है ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री की जनता के बीच पकड़ ढीली हो रही है जिससे वह बार-बार जनता के बीच पहुंच कर नित नई घोषणा कर लुभाने का प्रयास कर रहे है। इन घोषणाओं का असर जनता के बीच कितना होता है यह तो समय ही बतायेगा कि बार-बार दौरा कितना कारगर साबित होता है।

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