पुष्य और सर्वार्थ सिद्धि के नाम पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश

भोपाल। 14 सितम्बर से 9 अगस्त तक गुरू अस्त हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार का निवेश/खरीदी वर्जित होती है। इसके अलावा पितृपक्ष में केवल दान के लिए खरीदी करने की अनुमति दी गई है बावजूद इसके कुछ चालबाज व्यापारी लोगों को भ्रमित करने के लिए कुछ बिकाऊ पंडितों से ग्रह स्थितियों की अपने अनुसार व्याख्या करवा लाते हैं। 

त्यौहारी सीजन में हजारों करोड़ का कारोबार करने की योजना बना बैठी भोपाल की बिल्डर लॉबी ने फिर से भ्रम पैदा करना शुरू कर दिया है। कुछ बिकाऊ पंडितों ने उनकी इच्छा के अनुसार ग्रह स्थितियों की व्याख्या कर दी है। अब इसे प्रचारित किया जा रहा है। 

क्या बताया जा रहा है 
बताया जा रहा है कि श्राद्ध पक्ष के 30 सितंबर को समापन के पूर्व पुष्य नक्षत्र समेत पांच दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे। पंडितों का कहना है कि आवश्यक होेने पर वस्तुओं की खरीद-फरोख्त की जा सकती है। पितरों का स्मरण कर कोई भी वस्तु की खरीदी की जाए, वह शुभ फलदायी ही होगी। इसकी वजह यह है कि सभी पितृ अपने परिजनों की सुख-समृद्धि हो, यहीं भाव रखते हैं।

20 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 7.45 से शुरू होकर शाम 7.44 तक रहेगा। इसके बाद 25 सितंबर को शाम 6.20 से पुष्य नक्षत्र योग प्रारंभ होगा, जो 26 को शाम 6.15 बजे तक रहेगा। इसके अलावा इन्हीं दो दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। पहले दिन ये शाम को 6.11 बजे शुरू होकर दूसरे दिन शाम 6.10 बजे तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 27 को सूर्योदय से शुरू होकर शाम 6.05 बजे तक रहेगा।

सच क्या है
सच यह है कि पितृपक्ष में किसी भी प्रकार का योग प्रभावी नहीं होता। इन दिनों में आप केवल दैनिक आवश्यकता की वस्तुएं क्रय कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप कुछ भी क्रय करते हैं तो वो दान देने के लिए होना चाहिए। संचय या उपयोग के लिए नहीं। 
इसके अलावा 2016 में 14 सितम्बर से 9 अगस्त तक गुरु अस्त हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य सर्वथा वर्जित होते हैं। अन्यथा की स्थिति में जो निवेश/संपत्ति आप इन दिनों में क्रय करेंगे वही आपके विनाश का कारण बन जाएगी। अत: कृपया सावधान रहें। 9 अगस्त का इंतजार करें। किसी भी प्रकार के लालच या भ्रम में ना आएं। 

ये हैं कुछ उपयोगी जानकारी

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