
समारोह को संबोधित करते हुए कुलस्ते ने गोंडवाना राज्य का शिगूफा छेड़ दिया। उन्होंने कहा कि विदर्भ के लोग चाहते हैं विदर्भ और गोंडवाना लैंड को लेकर अलग गोंडवाना राज्य बनना चाहिए। समारोह के बाद जब मीडिया ने गोंडवाना राज्य के बारे में उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि नागपुर यात्रा के दौरान वहां के लोगों ने जो बात कही मैंने केवल उनकी भावनाएं प्रकट की है।
कुचरा बैल हो गए हैं सरकारी डॉक्टर्स
मीडिया से बात करते हुए कुलस्ते ने कुचरा बैल से की डाक्टरों की तुलना का नए विवाद को जन्म दे दिया है। कुलस्ते एमबीबीएस डिग्री धारकों के लिए नया कानून बनाने की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नए डॉक्टर्स को अब अनिवार्य रूप से दो साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना होगा। जब उनसे पूछा गया कि वर्तमान डॉक्टर्स को ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने क्यों नहीं भेजा जाता तो उन्होंने कहा कि जो चीज़ हाथ से निकल गई उस पर कुछ नहीं किया जा सकता। जिस तरह कुचरा बैल को कितना ही लकड़ी कोंची जाये लेकिन उसकी मर्जी के खिलाफ उसे चलाया नहीं जा सकता उसी तरह डाक्टरों को उनकी मर्जी के खिलाफ काम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं भेजा जा सकता। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक केवल देश के 40 प्रतिशत लोगों तक ही स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंची जिसके विस्तार के लिए वो लगातार प्रयास कर रहे है।