भूमि/भवन का संचय नहीं दान किया जाता है पितृपक्ष में

भोपाल। रियल स्टेट संगठन क्रेडाई द्वारा अपने आवास मेले को प्रमोट करने के लिए पिृतपक्ष की परंपराओं पर सवाल उठाने के बाद यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मध्यप्रदेश के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य बीएल शर्मा का कहना है कि शास्त्र इस अवधि में भूमि भवन क्रम करने से नहीं रोकते, परंतु यह क्रय दान के लिए होना चाहिए।

ज्योतिषाचार्य श्री बीएल शर्मा ने बताया कि शास्त्रों में स्पष्ट लिखा है कि इस अवधि में लोहा धातू को छोड़कर सबकुछ क्रय किया जा सकता है। वस्त्र, धातू, भूमि या भवन कुछ भी क्रय किया जा सकता है, कोई प्रतिबंध नहीं है परंतु इस दौरान आज जो भी क्रय करते हैं वो दान के लिए होना चाहिए। निजी उपयोग के लिए क्रय निषिद्ध किया गया है।

दान के विषय में क्या लिखा है शास्त्रों में
गाय का दान- धार्मिक दृष्टि से गाय का दान सभी दानों में श्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन श्राद्ध पक्ष में किया गया गाय का दान हर सुख और ऐश्वर्य देने वाला माना गया है।
तिल का दान- श्राद्ध के हर कर्म में तिल का महत्व है। इसी तरह श्राद्ध में दान की दृष्टि से काले तिलों का दान संकट, विपदाओं से रक्षा करता है।
घी का दान- श्राद्ध में गाय का घी एक पात्र (बर्तन) में रखकर दान करना परिवार के लिए शुभ और मंगलकारी माना जाता है।
भूमि दान- अगर आप आर्थिक रूप से संपन्न है तो श्राद्ध पक्ष में किसी कमजोर या गरीब व्यक्ति को भूमि का दान आपको संपत्ति और संतति लाभ देता है। किंतु अगर यह संभव न हो तो भूमि के स्थान पर मिट्टी के कुछ ढेले दान करने के लिए थाली में रखकर किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं।
वस्त्रों का दान- इस दान में धोती और दुपट्टा सहित दो वस्त्रों के दान का महत्व है। यह वस्त्र नए और स्वच्छ होना चाहिए।
चाँदी का दान- पितरों के आशीर्वाद और संतुष्टि के लिए चाँदी का दान बहुत प्रभावकारी माना गया है।
अनाज का दान- अन्नदान में गेंहू, चावल का दान करना चाहिए। इनके अभाव में कोई दूसरा अनाज भी दान किया जा सकता है। यह दान संकल्प सहित करने पर मनोवांछित फल देता है।
गुड़ का दान- गुड़ का दान पूर्वजों के आशीर्वाद से कलह और दरिद्रता का नाश कर धन और सुख देने वाला माना गया है।
सोने का दान- सोने का दान कलह का नाश करता है। किंतु अगर सोने का दान संभव न हो तो सोने के दान के निमित्त यथाशक्ति धन दान भी कर सकते हैं।
नमक का दान- पितरों की प्रसन्नता के लिए नमक का दान बहुत महत्व रखता है।

किन शास्त्रों में दिए गए हैं ये निर्देश
स्कंद पुराण
श्राद्धकल्पता
ब्रह्म पुराण
याज्ञवल्क्य स्मृति
श्राद्ध चंद्रिका में कर्म पुराण
गौडीय श्राद्धप्रकाश
मत्स्य पुराण
वृहत्पराशर

इसके अतिरिक्त कम से कम 51 प्रतिष्ठित धर्मशास्त्र हैं जिसमें पितृपक्ष के संदर्भ में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। किसी भी शास्त्र में लोहे के अलावा किसी भी वस्तु के क्रय को प्रतिबंधित नहीं किया गया है परंतु यह निर्देशित किया गया है कि इस अवधि में जो भी क्रय करें उसे दान कर दें। 


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