छुपे छुपे रहना चाहते हैं मप्र के दिग्गज अफसर

भोपाल। मप्र के दिग्गज अफसर (IAS/IPS/IFS) जनता की पहुंच में तो कभी नहीं थे, लेकिन वो सोशल मीडिया पर भी जनता के सामने आने से कतरा रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान कई बार निर्देशित कर चुके हैं परंतु अफसरों की एक बड़ी लॉबी सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल तक नहीं बना रही है। सवाल यह है कि जब जनता के लिए ही काम कर रहे हैं तो अफसर खुद को सबसे छुपाए हुए क्यों रखना चाहते हैं। सबके सामने क्यों नहीं आते। 

मप्र में विधायक, मंत्री और अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर संगठन सख्ती भी बरत रहा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री चाहते हैं कि सरकार के सभी जिम्मेदार अधिकारी सोशल मीडिया के जरिए जनता के बीच उपस्थित रहें एवं सरकार के अच्छे कामों के बारे में लोगों को बताएं। मुख्यमंत्री चौहान चाहते हैं कि प्रदेश का हर अफसर सीधे जनता से जुड़े ताकि सरकार के कामकाज का सही आकलन हो सके। मैदानी स्तर पर योजनाओं का कितना पालन हो रहा है और जनता के बीच सरकार की क्या छवि है।

20 फीसदी अफसर ही सोशल मीडिया पर
राज्य में 10 से 20 फीसदी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर सोशल मीडिया पर हैं, लेकिन ये भी फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम के माध्यम से सिर्फ अपने सहयोगी, मित्र और परिजनों से जुड़े हैं। इनमें हाल ही में सर्विस में आए अफसरों की संख्या ज्यादा है। जबकि पुराने अफसर सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखे हैं। इनमें से कुछ अफसर एंड्रॉयड फोन भी नहीं रखते।

अफसरों को बाध्य नहीं कर सकती सरकार
सबकी अपनी पसंद सबकी अपनी पसंद है। कोई सार्वजनिक होना चाहता है, कोई नहीं। वैसे हर विभाग की अपनी वेबसाइट है, जिसके माध्यम से अधिकारी जनता के बीच उपलब्ध रहता है। अधिकारी के फोन नंबर भी सार्वजनिक रहते हैं, जिन पर लोग बात भी करते हैं और समस्याएं भी बताते हैं। इस तरह अधिकारी जनता से सीधे संपर्क में हैं।
बीपी सिंह, अध्यक्ष, आईएएस, एसोसिएशन

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