
उन्होंने ट्विटर पर आगे पोस्ट किया कि बालाघाट में आरएसएस कार्यालय के अन्दर घुसकर एएससपी की उपस्थिति में थानेदार और वहां के गुंडों ने जिस बुरी तरह से जिला प्रचारक जी के साथ मारपीट की है। ‘‘यह अक्षम्य अपराध है. मन में बहुत आक्रोश है। क्या हमारी सरकार में नौकरशाही की इतनी हिम्मत भी हो सकती है।
कुल मिलाकर उन्होंने एक बार फिर प्रमाणित करने की कोशिश की है कि शिवराज सिंह चौहान से अब सरकार संभाली नहीं जा रही है। इसीलिए प्रदेश में नौकरशाही बेलगाम हो गई है। पिछले कुछ दिनों से यह मामला रह रहकर उठाया जा रहा है। इस संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर 'घोड़े और घुड़सवार' का सिद्धांत भी समझा चुके हैं।