सड़े हुए चावल का मध्याह्न भोजन बंट रहा है मंडला में

मंडला। यहां सड़े हुए चावल का मध्याह्न भोजन बांटा जा रहा है। कई स्कूल से ऐसे हैं जहां मध्याह्न भोजन बांटा ही नहीं जाता। जिन स्कूलों में बांटा जाता है वहां भी घटिया चावल मिले हैं। इन चावलों में कीड़े रेंग रहे हैं। बता दें कि घटिया चावलों को सरकारी स्कूलों/गरीबों तक पहुंचाने के लिए एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है। प्रतिवर्ष करीब 2000 करोड़ का घोटाला बदस्तूर जारी है। भोपाल समाचार कई बार इसका खुलासा भी कर चुका है परंतु सरकार कोई कदम नहीं उठाती। कभी मामला बिगड़ता है तो कार्रवाई के कागज जरूर तैयार कर लिए जाते हैं। 

रिपोर्ट नंबर-1
जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर प्राथमिक शाला भुरका टोला की है जहां दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या 44 है। यहां दो दिनों से मध्यान्ह भोजन बना ही नहीं है। घटिया किस्म के चावल की बोरियां खुले में जमीन पर रखी हुई हैं। इस स्कूल में मध्यान्ह भोजन नहीं बनाये जाने के कारण बच्चों की संख्या 44 से घटकर 12 तक आ पहुंची है। 

रिपोर्ट नंबर-2
जिला मुख्यालय के बीच बड़ी खैरी माध्यमिक शाला की है, यहां भी वही घटिया और जहरीला चावल बच्चों को यह कहकर परोसा जा रहा है कि जैसा चावल हमें सरकार दे रही है, वही चावल हम बनाकर बच्चों को खिला रहे हैं। मीनू के मुताबिक भोजन नहीं दिये जाने के सवालों पर समूह की अध्यक्ष सरिता वनवासी का कहना है कि बच्चों को पुलाव पसंद नहीं है, इसलिए उन्हें कढ़ी-चावल दिया गया है। 

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