
क्या है नियम
नियम है कि पेंशन अंतिम न्यूनतम वेतन के 50 फीसदी से कम नहीं होगी। पहले व्यवस्था थी कि पेंशन की गणना सेवाकाल से की जाती थी। 33 साल की सेवा पर पूरी पेंशन बनती थी। अगर किसी कर्मचारी को डिसेबिलिटी के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी तो सेवाकाल कम होने के कारण उसी अनुपात में डिसेबिलिटी पेंशन घटा दी जाती थी।
छठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद समाप्त हुई सेवा
कर्मचारी की मौत के मामले में भी यही होता था। पारिवारिक पेंशन की गणना में भी यही नियम लागू होने के कारण सेवाकाल कम होने पर उसी अनुपात में पेंशन की धनराशि घटा दी जाती थी। छठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद वर्ष 2006 या उसके बाद के पेंशनरों के लिए यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई।
2006 से पहले के पेंशनरों के लिए व्यवस्था लागू
फिर नया नियम लागू किया गया कि डिसेबिलिटी पेंशन या पारिवारिक पेंशन अंतिम न्यूनतम वेतन के 50 फीसदी से कम नहीं होगी। अब केंद्रीय पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग ने वर्ष 2006 से पहले के पेंशनरों के लिए भी यह व्यवस्था लागू कर दी है। उन्हें भी डिसेबिलिटी या पारिवारिक पेंशन अंतिम न्यूनतम वेतन के 50 फीसदी से कम नहीं मिलेगी।