मुरैना में दलित युवक की हत्या, पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया

मुरैना। क्या कोई पुलिस इतनी पक्षपाती हो सकती है कि सामने लाश, मारपीट के निशान, दोनों आखें फूटी हुईं, खून के धब्बे होने के बावजूद हत्या का मामला दर्ज ना करे। सबलगढ़ पुलिस ने ऐसा ही किया। पीएम रिपोर्ट आने के बाद परिजनों ने 10 घंटे तक चक्काजाम रखा। तब कहीं जाकर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया। 

जानकारी के मुताबिक, सबलगढ़ के एक घर में 23 बर्षीय अनूप शाक्य नामक एक युवक की लाश मिली थी। उसके सिर पर चोट के गहरे निशान थे। आंखें फूट चुकी थीं। शरीर में करेंट के 9 घाव थे। घर के दरवाजे पर खून बिखरा हुआ था। पत्नी खुला आरोप लगा रही थी कि अनूप को मोनू रावत ने मारा है फिर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। 

मृतक अनूप की पत्नी ने बताया कि, 'गुरुवार दोपहर करीब एक बजे अनूप का कॉल आया था। वे कह रहे थे कि घर पर मोनू वगैरह खाना बना रहे हैं। मैंने पूछा- मम्मी कहां हैं, तो उन्होंने कहा कि वह गंगा काठौन गई हैं। तभी हड़बड़ाहट की आवाज मोबाइल पर सुनाई दी तो मैंने पूछा कि घबरा क्यों रहे हो। इस पर अनूप ने कहा कि, मोनू मुझे पीट रहा है। कुछ देर में मोबाइल से आवाज आना बंद हो गया। लेकिन, मुझे मारपीट की आवाज सुनाई दे रही थीं। मैंने दोबारा कॉल किया, लेकिन अनूप की तरफ से कोई जबाव नहीं मिला। शाम छह बजे मेरी सास का कॉल आया कि, अनूप की हत्या कर दी गई है।' 

दोस्त है मामले का आरोपी
मृतक के पिता राजाराम शाक्य का कहना है कि, 'उनके बेटे अनूप को उसका दोस्त मोनू रावत गुरुवार की सुबह छह बजे घर से बुलाकर ले गया था। इसके बाद अनूप लौटकर घर नहीं आया था। दोपहर बाद हमें सूचना मिली कि अनूप की करंट लगने से मौत हो गई है और उसका शव घर में पड़ा है। सूचना पाकर शाम 5:10 बजे जब हम काठौन से वापस आए तो अनूप का क्षत-विक्षत लाश कमरे में पड़ा मिला। उसकी आंख, गर्दन व पेट पर घाव दिखाई दे रहे थे। कमरे में किबाड़ के पास खून पड़ा था। वहीं एक डंडा भी रखा पाया गया।' मृतक के पिता राजाराम ने बताया कि, पुलिस ने डैड बॉडी का पोस्टमॉर्टम कराकर मर्ग तो कायम कर लिया, लेकिन हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया। 
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!