भोपाल। मप्र की सड़कें और सड़कों के गड्डे कितने जानलेवा हो गए हैं इसकी एक रिपोर्ट केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जारी की है। मप्र की हत्यारी सड़कें 13466 मौतों की जिम्मेदार हैं जबकि गड्डों ने 1163 लोग मार गिराए। इतना ही नहीं गलत स्पीड ब्रेकरों के कारण 441 मौतें हो चुकीं हैं। मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या बाइक सवारों की है।
वर्ष 2012 से 2015 में विभिन्न हादसों में मारे गए लोगों की संख्या और उनकी वजह पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में इस दौरान 13 हजार 466 लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर मारे गए। इनमें से प्रदेश में सड़क पर गड्ढों के चलते हुई दुर्घटनाओं से पिछले तीन साल में 1,163 लोगों की मौत हुई। मालूम हो कि सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या को देखते हुए डीजीपी ने दुर्घटनाओं को कम करने के लिए माइक्रो लेवल का प्लान तैयार करवाया है।
इसके तहत प्रदेश के 81 एक्सीडेंट प्वॉइंट पर डायल 100 के एफआरवी वाहन को 24 घंटे तैनात किया जाएगा। यह वाहन एक्सीडेंट के दौरान तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने के साथ तेज रफ्तार व रॉन्ग साइड चलने वाले वाहनों को रोकेगा।
स्पीड ब्रेकर ने ली 441 की जान
सड़क पर गड्ढों के अलावा कई जगहों पर बेतरतीब तरीकों से बने स्पीड ब्रेकर जानलेवा साबित हुए हैं। तीन साल में 441 लोग ऐसे ही स्पीड ब्रेकर के चलते हुई दुर्घटनाओं में मारे गए। बात यदि रेलवे क्रॉसिंग में मारे गए लोगों की करें तो इनकी संख्या 688 थी। हालांकि इनमें भी 219 लोग उन रेलवे क्रॉसिंग पर मारे गए, जो मानव सहित थे। शेष अन्य की मौत मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग में हुई।
बिना लाइसेंस वाहन चलाने वालों में तीसरे नंबर पर प्रदेश
रिपोर्ट बताती है कि मध्यप्रदेश बिना लाइसेंस वाहन चलाने वाले भी कम नहीं हैं। यही वजह है कि ऐसे वाहन चालकों से होने वाली दुर्घटना के मामले में प्रदेश का नंबर देश में तीसरा है। ऐसे वाहन चालकों से हुई सड़क दुर्घटना में तीन साल में 2494 लोगों की मौत हुई। वहीं 8678 लोग बाइकर्स व अन्य दो पहिया वाहन चालकों से हुई दुर्घटना के चलते मारे गए।
वजह मौतें
स्पीड ब्रेकर 156
सड़क पर गड्ढे 420
रेलवे क्रॉसिंग 258
बिना लाइसेंस 263
बाइकर्स 3172