TI से हार गया पुलिस मुख्यालय, 50 अधिकारियों के आरोप पत्र खारिज

भोपाल। मप्र के करीब 50 नगर निरीक्षकों को मिले आरोप पत्र अपने आप खारिज हो गए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मप्र पुलिस की रिवीजन पिटीशन खाजिर कर दी है जो हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लगाई गई थी। हाईकोर्ट में एक टीआई ने याचिका दायर की थी जिसमें फैसला दिया गया कि आईजी, अपनी जोन के टीआई को आरोप पत्र नहीं दे सकता। यह अवैध है। मप्र में करीब 50 अधिकारियों को आईजी ने आरोप पत्र थमा रखे हैं। इस निर्णय के साथ सभी आरोप पत्र अपने आप रिजेक्ट हो गए। 

पुलिस निरीक्षक अरुण प्रकाश यादव को एक मामले में तत्कालीन रेंज आईजी ने आरोप पत्र दिया। इस मामले को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की। इस अपील पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि रेंज आईजी आरोप पत्र नहीं दे सकते है। मप्र पुलिस मुख्यालय हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिवीजन के लिए गया। वहां से भी पुलिस मुख्यालय को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को यथावत रखा।

आईजी को लिखा पत्र
फैसलों के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज आईजी को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में कहा गया है कि अब वे किसी भी निरीक्षक को आरोप पत्र नहीं दे सकते हैं। इस पत्र में पुलिस रेग्युलेशन एक्ट का भी हवाला दिया गया है। जिसमें बताया गया है कि एक्ट के पैरा 228 में यह स्पष्ट हैं कि पुलिस अधीक्षक ही निरीक्षक को आरोप पत्र दे सकता है।
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