सिहोरा। किस तरह से मृत लोगों की लाशों को भी तिरस्कार झेलना पड़ता है इसका नमूना गोसलपुर पुलिस उस वक्त दिखाया जब सोमवार की रात साढ़े 8बजे एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई जिसे जिसे अस्पताल लाया गया और फिर कपड़ा ढंककर लावारिस हालत में छोड़ कर पुलिस चली गयी।
प्राप्त जानकारी गोसलपुर थाना के जुझारी के जलतरंग ढाबा के पास में अज्ञात वाहन की टक्कर से शांतिनगर निवासी सुखदेव कोरी पिता डोमन कोरी (32वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अरविन्द पटेल को पैर में चोट आई जिन्हें 108 की मदद से सिहोरा अस्पताल लाया गया। साथ में पहुंची पुलिस ने मृतक की लाश उतरवाकर अस्पताल के मुख्य द्वार के बाजु से कपड़े से ढँक कर रखवा दी जिसके बाद मृतक की लाश लावारिस पड़ी रही लेकिन कोई देख रेख करना वाला तक लाश के पास मौजूद नही था। जब इस विषय में अस्पताल पर ड्यूटी में रहे शरद श्रीवास्तव से पूछा गया तो उन्होंने बताया की मृतक की लाश को मरचुरि में रखने बोला गया था जिस पर गोसलपुर थाने से आये उप निरीक्षक के एस ठाकुर ने गेट के बाजू में रखे रहने बोला और वहीँ पर लाश को रखवा दिए।
हो सकती है घटना ?
यहां पर लोगों को जीते जी तो सम्मान नही मिलता है शायद इसी वजह से मृत व्यक्ति की लाश भी उपेक्षा का शिकार रही जिसे पुलिसवालों ने अपनी मनमर्जी के चलते अस्पताल के द्वार में कपड़ा ओढ़ाकर रख दिए और मृतक के परिजनों के बिना आये ही शव को लावारिस छोड़ कर खुद भी चले गए जबकि अस्पताल में शव के पास कोई देख रेख करने वाला नही था यदि ऐसे में शव को किसी प्रकार की क्षति होती है या कोई आवारा कुत्ते शव को क्षति करते हैं तो उसका जिम्मेदार कौन होगा जबकि जिम्मेदार खुद लापरवाह बने हुये हैं।