ब्लड बैंक सरकारी हो या प्राइवेट खून का दाम एक जैसा रहेगा

जबलपुर। प्रदेशभर में प्राइवेट ब्लड बैंकों की मनमानी पर अब रोक लगेगी। स्टेट ब्लड ट्रान्सफ्यूजन कौंसिल एंड पब्लिक हेल्थ एंड वेलफेयर ने ब्लड और उसके घटक (कंपोनेंट) के रेट तय कर दिए हैं। हालांकि, इससे सरकारी ब्लड बैंकों के माध्यम से मिल रहे ब्लड (खून) के दाम महंगे होंगे लेकिन प्राइवेट ब्लड बैंकों से मिलने वाले ब्लड के दामों में 50 से 70 फीसदी तक कटौती हो जाएगी।

प्रदेश के ब्लड बैंकों में खून के कम्पोनेंट के रेट मनमाने तरीके से लिए जा रहे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए एक नीति बनाई गई है जिसमें सरकारी और प्राइवेट बैंकों से मिलने वाले ब्लड और उसके कंपोनेंट के रेट तय कर दिए गए हैं। कौंसिल की डायरेक्टर सुनीता त्रिपाठी के नए आदेश में थैलेसीमिया, सिकल सेल, हीमोफीलिया और अन्य गंभीर बीमारियों के लिए मुफ्त खून देना भी शामिल है।

सरकारी अस्पतालों में रोकस, प्राइवेट में मांग के अनुसार
सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के जरिए इसके रेट तय किए जाते हैं। इसके आधार पर ही मरीजों से फीस ली जा रही थी। दूसरी तरफ, प्राइवेट ब्लड बैंकों में मांग के अनुसार रेट तय कर दिए जाते हैं। सामान्य ब्लड ग्रुप जैसे बी पाजीटिव, ओ पाजीटिव आसानी से उपलब्ध है तो उसके रेट अलग होते हैं वहीं एबी पाजीटिव और नेगिटिव ब्लड ग्रुप के रेट अन्य की तुलना में दोगुना महंगे तक होते हैं।
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