अनूपपुर में भाजपा नेता और टीआई के बीच संघर्ष, सस्पेंडेड टीआई ने आॅडियो वायरल किया

भोपाल। अनूपपुर जिले की एक नगर​पालिका पसान के अध्यक्ष एवं इलाके के दबंग नेता रामअवध सिंह और टीआई सुनील गुप्ता के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। सस्पेंड किए जाने के बाद टीआई ने भाजपा नेता का एक आॅडियो वायरल किया है। इस आॅडियो में रामअवध सिंह टीआई को गालियां देते हुए सुना जा सकता है परंतु मामला सिर्फ इतना सा नहीं है। टंटे की जड़ और सही गलत का फैसला करने से पहले विवाद की पृष्ठभूमि जानना जरूरी है। 

दिनांक 6 अगस्त को जनदर्शन कार्यक्रम में कोतमा पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोतमा के किराना व्यवसाई सुनील अग्रवाल ने टीआई सुनील गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि टीआई ने दुकान से किराना सामान लेने के बाद रुपए नहीं दिए और झूठे केस में फंसाने की धमकी देते हुए 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी है।

इस शिकायत के बाद सुनील गुप्ता को आईजी शहडोल डीके आर्य ने रात में ही भालूमांडा थाने से लाइन अटैच कर दिया गया। जांच एडिनशल एसपी शहडोल को सौंपी गई। एएसपी शिवकुमार वर्मा ने गवाहों के कथन उपरांत जांच रिपोर्ट एसपी अनुराग शर्मा को सौंपी, जिसके बाद 9 अगस्त की शाम को टीआई सुनील गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया।

दिनांक 9 अगस्त को ही टीआई सुनील गुप्ता को निलंबन नोटिस थमा दिया गया और 10 अगस्त की सुबह 11 बजे उन्हें अपना पक्ष व समर्थन में गवाह प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया। वायरल हुआ आॅडियो इसी समय का है। 

टीआई सुनील गुप्ता जब अपने समर्थन में कुछ गवाहों को लेकर जा रही थे तभी पसान नगरपालिका के अध्यक्ष भाजपा नेता रामअवध सिंह का टीआई को फोन आया। रामअवध सिंह ने टीआई पर गवाहों को धमकाने, फर्जी शपथ पत्र बनवाने का आरोप लगाते हुए गालियां दीं और उसे आईजी, एसपी, प्रभारी मंत्री और सीएम के नाम का खौफ बताकर बर्खास्त कराने की धमकी दी। यही आॅडियो वायरल किया गया है। 

टीआई के खिलाफ 13 दिन में तीन बार कार्रवाई
टीआई सुनील गुप्ता की शिकायत इसके पहले जिले के प्रथम दौरे में 28 जुलाई को पहुंचे प्रभारी मंत्री से हुई थी, जिस पर एसपी ने टीआई का स्थानांतरण कोतमा थाने से भालूमाडा उसी रात में कर दिया। दोबारा 6 अगस्त को मुख्यमंत्री से शिकायत होने पर रात में ही लाइन अटैच कर दिया गया। 9 तारीख को शिकायत की जांच कर रहे शहडोल के एडिशनल एसपी शिवकुमार वर्मा की जांच रिपोर्ट पर टीआई को शाम को सस्पेंड कर दिया गया। 

टीआई सुनील गुप्ता ने क्या कहा 
टीआई का कहना है कि, जब वे अनुपपुर कोतवाली में पदस्थ थे; तब उन्होंने 20 सितम्बर 2015 को क्रेशर से भारी मात्रा में अवैध विस्फोटक मिलने पर भाजपा नेता रामअवध सिंह के बेटे मनीष सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसके बाद राम अवध ने मेरा ट्रांसफर कोतमा थाने में करवा दिया था। उसके बाद से वह बदला ले रहे हैं और साजिश के तहत मुझे फंसाया जा रहा है।

भाजपा नेता का बयान 
रामअवध का कहना है कि, उन्हें शिकायत मिली थी कि टीआई गवाहों को धमका रहा है। उन पर गवाही बदलने का दबाव डाल रहा है, इसलिए उन्हें फोन पर ऐसा न करने का अनुरोध किया गया। न ही उन्होंने गालियां दी हैं और न ही टीआई को धमकाया है। तकनीक का इस्तेमाल कर उनकी आवाज का ऑडियो वायरल किया गया है।

निष्कर्ष क्या
यह सबकुछ आइने की तरह साफ नहीं है। एक तरफ से यह प्रतीत होता है कि भाजपा नेता टीआई के पीछे पड़ गया है और अपनी पॉवर का इस्तेमाल कर उसे परेशान कर रहा है परंतु दूसरी तरफ यह भी देखा जाना चाहिए कि क्या हर शिकायत करने वाला भाजपा नेता का समर्थक है। क्या सचमुच किराने की दुकान से टीआई राशन का सामान लेते थे। यदि हां, तो क्या वहां उधारी थी, जिसे चुकाया नहीं गया था। कहीं ये 2 दबंगों के बीच का संघर्ष तो नहीं। 

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